'मैं मुर्दाघर में काम करता था और वहां लाश खाता था...', नरभक्षी ने सुनाई डरावनी कहानी

फ्रांस में एक शख्स ने मुर्दाघर में काम करने के बाद मानव मांस खाना शुरू कर दिया. उसने अपना यह भयानक अनुभव एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उसके अंदर मांस खाने की इच्छा जागी.

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फ्रांस के इस शख्स ने बताया कैसे पहली बार चखा इंसानी मांस का स्वाद (Photo - AI Generated) फ्रांस के इस शख्स ने बताया कैसे पहली बार चखा इंसानी मांस का स्वाद (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

इन दिनों मानव मांस खाने वाले एक फ्रेंच शख्स की काफी चर्चा हो रही है. उसने एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उसके मन में इंसानों का मांस खाने की इच्छा हुई और पहली बार उसने कैसे इसका स्वाद चखा. उसने अपने डरा देने वाले इस अनुभव का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे  सिर्फ मानव मांस का स्वाद चखने की चाहत में उसने मुर्दाघर में नौकरी शुरू की.  

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डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार,  निको क्लॉक्स, जिसे 'पेरिस का पिशाच' कहा जाता है. उन्होंने एक पॉडकास्ट में डरावने खुलासे किए. उसने बताया कि प्रसिद्ध नरभक्षी इस्सेई सागावा के बारे में पढ़ने के बाद 12 साल की उम्र से ही उसे मानव मांस खाने की इच्छा होने लगी थी. 

पहली बार कैसे आया इंसानी मांस खाने का ख्याल
इस स्वघोषित नरभक्षी ने खुलासा किया है कि कैसे एक मुर्दाघर में काम करते हुए उसे मानव मांस खाने की इच्छा हुई और उसने बताया कि कब उसने पहली बार इस निषिद्ध मांस का स्वाद चखा था. 'पेरिस का पिशाच' कहलाने वाला सजायाफ्ता हत्यारा निको क्लॉक्स, अपने दादा की मृत्यु के बाद, जब वह मात्र 10 वर्ष का था, मुर्दे और मानव मांस के प्रति आसक्त हो गया था.

क्लॉक्स का दावा है कि 12 वर्ष की उम्र में ही उसमें मानव मांस खाने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो गई थी. जब उन्होंने कुख्यात नरभक्षी इस्सेई सागावा के बारे में जाना था. इस्सेई ने 1981 में पेरिस में एक डच महिला की हत्या कर दी थी और उसके शव के कुछ हिस्सों को खा गया था.

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इंसानी मांस खाने के लिए मुर्दाघर में की नौकरी
इस अजीबोगरीब मनोविकृति ने उसे एक मुर्दाघर में नौकरी की तलाश करने के लिए प्रेरित किया. क्योंकि उसे मुर्दाघर में नौकरी करते हुए इंसानी मांस चखने का मौका मिल सकता ता. वहां वह पहली बार मानव मांस का नमूना ले सका, जिससे वह हत्या, नरभक्षण, रक्त-पान और गुप्त प्रथाओं से जुड़े एक अंधेरे रास्ते पर चला गया.

खाने से ज्यादा इन वजहों ने इंसानी मांस की ओर हुआ आकर्षित 
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, एनीथिंग गोज विद जेम्स इंग्लिश पॉडकास्ट में उन्होंने स्वीकार किया कि लाशें उन्हें मुर्दाघर में काम करने के लिए आकर्षित करती थीं, जहां उन्होंने अपनी परेशान करने वाली लालसाओं को पूरा करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि मुझे मांस खाने से भी ज्यादा, उसे काटने, दांतों से मांस फाड़ने की कल्पनाएं होने लगीं. यह एक मनोरोग की तरह था. 

क्लॉक्स ने बताया कि मेरी पहली नौकरी मुर्दाघर में काम करने वाले की थी. मैंने पेरिस के एक मुर्दाघर में काम किया. उस समय फ़्रांस में मुर्दाघर में काम करने के लिए कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी. आप अस्पताल में अर्दली होते थे और वे पूछते थे कि क्या आपको इस नौकरी में रुचि है? और आपको नौकरी मिल जाती थी.

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पोस्टमार्टम के दौरान चुरा लेता था इंसानी मांस
जब मैंने पहली बार मुर्दाघर में काम करना शुरू किया, तो मुझे जब शव-परीक्षण के लिए अकेला छोड़ दिया जाता था, तो मैं शवों से मांस के टुकड़े निकालकर उन्हें खा जाता था. यह काफी आसान होता था. इस तरह मैंने पहले कच्चा मांस खाना शुरू किया. फिर मैंने इसकी छोटी-छोटी पट्टियां काट लीं, उन्हें घर ले आया और कई तरीकों से पकाकर खाने लगा. 

ताजा मांस खाने के लिए बनाई थी हत्या की योजना
मुर्दाघर से तस्करी करके लाए गए थोड़े से मांस इस नरभक्षी की भूख मिटाने के लिए पर्याप्त नहीं थे.फिर उसने पेरिस में थिएरी बिसोनियर नाम के एक व्यक्ति की हत्या करने की योजना बनाई. जिससे उसकी मुलाकात ऑनलाइन हुई थी और उसका मकसद उसके शरीर के अंगों को खाना था. हालांकि, अपनी इस खौफनाक योजना को अंजाम देने से पहले ही उसे रोक लिया गया.

क्लॉक्स को अपने एक शिकार के बैंक चेक में से एक को जाली चेक बनाने की कोशिश करने के आरोप में पकड़ा गया और अंततः उसे 12 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई. सात साल और चार महीने जेल में बिताने के बाद उसे रिहा कर दिया गया.

कैसा होता है इंसानी मांस का स्वाद 
नरभक्षी हत्यारे ने खुलासा किया कि हर कोई उससे लगातार मानव मांस के स्वाद के बारे में पूछता रहता है. वह इसकी तुलना एक विशेष पशु के मांस से करता है. वह इस बात पर जोर देता है कि मानव मांस खाने के पीछे स्वाद ही मुख्य कारक नहीं था.

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क्लॉक्स ने बताया कि लोग मुझसे हमेशा इसके स्वाद के बारे में पूछते हैं.मैं कह सकता हूं कि इसका स्वाद घोड़े के मांस जैसा था.लेकिन मेरे लिए यह ज़्यादा रोमांच और सनसनी की बात थी. कुछ ऐसा जो मैंने पहले कभी अनुभव नहीं किया था. यह मुझे लगातार उत्साहित बनाए रखता था.

इंसानी मांस पकाकर खाने के लिए किसी को मारना चाहता था
हत्या के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मेरा लक्ष्य केवल हत्या के लिए किसी को जान से मारना नहीं था, बल्कि उसका मांस प्राप्त करना था. क्योंकि मैं पहले ही मुर्दाघर में मांस के छोटे-छोटे टुकड़े खा चुका था और मेरे अंदर यह लालसा पैदा हो गई थी. इसलिए मैं इंसानी मांस को घर ले जाने के लिए और उसे अच्छे से पकाकर खाने के लिए किसी को  मारना चाहता था.

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