'1256 अरब रुपये का एक खजाना', इन 5 जगहों पर छिपा है अकूत धन!

दुनिया के रहस्यमय खजानों में अकूत संपत्ति छिपे होने की बात सामने आती रहती है. ऐसे में एक ग्रुप ने दावा किया है कि वो 1,256 अरब रुपये के खजाने के बहुत करीब है.

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Replica of the Ark of the Covenant (Credit- Getty Images) Replica of the Ark of the Covenant (Credit- Getty Images)

श्रीधर कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST
  • खजाने की खोज में 34 साल से लगा है एक ग्रुप
  • दुनियाभर में कई जगहों पर छिपे हैं ऐसे खजाने

एक खजाने की खोज में लगे कुछ लोगों का मानना है कि वो दुनिया के एक सबसे बेशकीमती सोने, गहने और पुरानी कलाकृतियों के खजाने (संपत्ति की अनुमानित कीमत 1,256 अरब रुपये) को खोज निकालने के बेहद करीब हैं. लेकिन इसके साथ एक समस्या है. वो ये कि जब तक ये खजाना मिल नहीं जाता, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती कि वहां पर कितना धन है और वाकई में वे सही जगह पहुंचे भी हैं या नहीं.

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दरअसल, फिनलैंड के एक ग्रुप ने हेलसिंकि में कुछ गुफाओं के पास लेम्मिंकेनन खाजाने की खोज में 34 साल लगा दिया. अब इन्हें लग रहा है कि वो इस खजाने के बेहद करीब हैं. और मई के महीने में जब वो फिर से खजाने के लिए खोदना शुरू करेंगे तो उन्हें उस रहस्य का पता लग जाएगा. खैर, उस खजाने की खोज के बीच हम आपको दुनिया के 5 सबसे रहस्यमय खजाने के बारे में बताते हैं.

डचमैन की सोने की खान
ये खदान अमेरिका के एरिज़ोना में है. इसे 19 वीं सदी में जर्मनी के प्रवासी नागरिक जैकब वाल्ट्ज ने खोजा था. इसके बाद उन्होंने यहां से सोना निकाला और इसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताया. साल 1891 में अपनी मौत के वक्त उन्होंने खजाने के बारे में सिर्फ अपने एक पड़ोसी को बताया था. जो आखिरी दिनों में उनकी देखभाल करते थे. हर साल इस खजाने के खोज में लोग निकलते हैं. लेकिन किसी को अब तक वो हासिल नहीं हो पाया है. कई लोगों की तो इस दौरान जान भी चली गई है.

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नाइट्स टेम्पलर का खजाना
नाइट्स टेम्पलर यूरोप की सबसे फेमस धार्मिक मिलिट्री अरेंजमेंट थी. ईसाइयों की रक्षा के लिए इसकी स्थापना साल 1119 में हुई थी. समय साथ इनका प्रभाव बढ़ता गया और इनके पास अकूत संपत्ति भी इकट्ठा हो गई. लेकिन साल 1307 में फ्रेंच राजा फिलिप IV इनकी बढ़ती ताकत को देखकर घबरा गए. उन्होंने सभी नाइट्स को गिरफ्तार करवा लिया और इनके खजाने पर हमला बोल दिया. लेकिन वो खाली निकला. अब ये टेम्पलर खजाना क्या था और ये कहां है? इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है.

मोंटेज़ुमा का खजाना
साल 1519 में स्पेनिश एक्सप्लोरर हर्नान कोर्टेसो, एज़्टेक एंपायर पहुंचा था. वहां के राजा मोंटेज़ुमा II ने उसे खूब सोना-चांदी दिया और कहा कि वो यहां से शांतिपूर्वक चला जाए. लेकिन उस लालची स्पेनिश एक्सप्लोरर ने शहर को लूटने की कोशिश की. इसका विरोध हुआ और कोर्टेसो वहां से भागना पड़ा. इस दौरान उसने खजाने को मैक्सिको के टेक्सकोको झील में डाल दिया था. कई दिग्गजों का मानना है कि खजाना अब भी वहां है. बहुतों ने इसे ढूंढने की भी कोशिश की, लेकिन वो नाकाम रहें.

इवान द टेरिबल की लॉस्ट लाइब्रेरी
इसे मास्को जार के लॉस्ट लाइब्रेरी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इसे 16वीं सदी के शासक इवान द ग्रेट ने इसे बनाया था. और इसमें कई दुर्लभ टेक्स्ट्स भी मौजूद हैं. ऐतिहासिक तौर पर ये क्रेमलिन के अंदर बसा है. कहा जाता है कि इवान द टेरिबल इन बेशकीमती टेक्स्ट्स को छुपाकर रखा था. हालांकि, कई लोग ऐसा भी दावा करते हैं कि ये लाइब्रेरी श्रापित है, जिससे इसकी खोज में जाने वाले लोग अंधे हो जाते हैं.

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वाचा का सन्दूक
इसे जेरूसलम के एक पवित्र यहूदी मंदिर में रखा गया था. लेकिन कहा जाता है कि 587 BC में बेबीलोन आर्मी ने जब इस शहर पर कब्जा जमाया था तब इसे तहस-नहस कर दिया था. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि ये अब भी एक चर्च के अंदर मौजूद है. इसके अलावा इसे लेकर एक और थ्योरी है कि इसे पृथ्वी पर एलियन लेकर आए थे. बाद में, वो इसे वापस लेकर चले गए थे.

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