बंदरों ने पाला, जंगल से पहुंची वेश्यालय और अब इस हाल में... दंग कर देगी इस महिला की कहानी

ये एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसे लोग फीमेल टार्जन तक बोलते हैं. उसके साथ जो हैरतअंगेज चीजें हुई हैं, उसे जानकर पूरी दुनिया हैरान है. इस महिला का दावा है कि उसे बंदरों ने जंगल में पाला है.

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इस महिला की कहानी पर एक शो आएगा (तस्वीर- इंस्टाग्राम/@vanessaforeromusic) इस महिला की कहानी पर एक शो आएगा (तस्वीर- इंस्टाग्राम/@vanessaforeromusic)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

ये एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसे सुनकर लोग मुश्किल से ही यकीन कर पाते हैं. घर से अगवा किए जाने के बाद उसे बंदरों ने पाला. वो कोलंबिया के जंगलों में अकेली घूमती रही. 73 साल की मरीना चैपमैन दावा करती हैं कि उन्हें बंदरों ने पाला था, वहीं उन्होंने इस जानवर की तरह खाना सीखा, पेड़ों पर चढ़ना और पेड़ पर ही सोना सीखा.

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मरीना की जिंदगी में तब बड़ा बदलाव आया, जब उन्हें जंगल में किसी ने देख लिया. उन्हें जबरन वेश्यावृति के काम में धकेला गया. मगर इसके बाद वो ब्रिटेन आईं. एक शख्स ने उनसे शादी कर ली. अब वो दो बच्चों की मां हैं. और अपने परिवार के साथ यहां रहती हैं. उनकी कहानी काफी फिल्मी है.

मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, मरीना ने अपनी कहानी साल 2013 में एक किताब के जरिए दुनिया के सामने रखी. उनकी किताब का नाम था, 'ग गर्ल विद नो नेम.' इसकी सह लेखिका उनकी बेटी हैं. उनकी इसी कहानी को एक टीवी शो में दिखाया गया जाएगा. इसका नाम 'न्यू लिव्स इन द वाइल्ड' है.

मरीना के नक्शे कदम पर चलते हुए आज उनकी बेटी वेनेसा फोरेरो भी कोलंबिया में जंगल से घिरे गांव में रहती है. मरीना ने कहा कि बात साल 1954 की है. तब कोलंबिया में बाल तस्करी काफी आम थी. उन्हें अगवा कर लिया गया. किसी ने सफेद रुमाल को चेहरे पर रख दिया था. दो लोग उठाकर ले गए. कारण नहीं पता था. फिर उन्होंने जंगलों में फेंक दिया. 

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वो बताती हैं कि दो दिन बात उन्हें बंदरों का एक झुंड दिखा. वो जीवित रहने के लिए वही सब करने लगीं, जो बंदर कर रहे थे. वो देखती रहीं कि बंदर कौन से फल खा रहे हैं. कैसे पेड़ से केले तोड़ रहे हैं. और कहां जाकर पानी पी रहे हैं.

सबको हैरान करती है इनकी कहानी (तस्वीर- इंस्टाग्राम/@vanessaforeromusic)

इसके बाद वो बंदरों की तरह दोनों हाथ और पैरों से चलने लगीं. उन्होंने बोलना बंद कर दिया. बंदरों ने भी उन्हें अपने जैसा ही मान लिया. वो कहती हैं, 'एक दिन छोटा सा बंदर मेरे कंधे पर बैठा और उसने अपने दोनों हाथ मेरे चेहरे पर रखे, मुझे वो काफी पसंद आया.' बंदरों के बीच मरीना करीब पांच साल तक रहीं. फिर एक दिन उन्हें शिकारियों ने वहां देख लिया. 

ये शिकारी उन्हें वेश्यालय लेकर चले गए. इसके बाद वो यहां से बचकर निकलीं और गलियों में घूमती रहीं. एक दिन उन्हें किसी ने घर में काम करने के लिए नौकरी दी. वो राजधानी बोगोटा में काम कर रही थीं. वो जिस परिवार के घर का काम करती थीं, वो लोग ब्रिटेन में बसने की कोशिश कर रहे थे.

फिर 1978 में सभी लोग छह महीने के लिए ब्रैडफोर्ड में रहे. यहीं मरीना की मुलाकात जॉन चैपमैन से हुई. वो एक चर्च में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाते थे. दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठे. फिर इनकी शादी हो गई. आज इनकी दो बेटियां हैं. इनमें वेनेसा 40 साल की और जोआना 43 साल की है. मरीना एक हाउसफाइफ हैं.  

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लेकिन एक इंसान की तरह रहना मरीना के लिए आसान नहीं थीं. उन्हें सबकुछ सीखना पड़ा. कैसे खाना खाते हैं और कैसे कपड़े पहनते हैं, सबकुछ. मगर कुछ चीजें वो अब भी नहीं भूली हैं. वो सीटी बजाती हैं, पेड़ों पर आसानी से चढ़ जाती हैं.

बाहर घूमना काफी पसंद करती हैं. उन्हें लोग फीमेल टार्जन भी बोलते हैं. जब वेनेसा ने अपनी मां की कहानी पर उनके साथ किताब लिखी, तो लोगों को सबकुछ काल्पनिक लगा. लेकिन वेनेसा कहती हैं कि उनकी मां वो सबकुछ कर सकती हैं, जो बंदर करते हैं. ऐसे में उन्हें इस कहानी पर पूरा भरोसा है.

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