दुनिया में बड़ी संख्या में लोग अपनी नौकरी को बहुत ही बेमन से करते हैं और अपनी हॉबी के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं. लेकिन पैसों की जरूरत के चलते कई बार ये संभव नहीं हो पाता. लेकिन एक महिला ने अपनी थोड़ी अजीब हॉबी के लिए अच्छी खासी नौकरी ही छोड़ दी.
नौकरी छोड़कर बनी जलपरी
मॉस ग्रीन नाम की महिला स्कूल में इंग्लिश टीचर थी. लेकिन अब वह एक जलपरी है. है न अजीब बात? दरअसल मॉस ने एक फुल टाइम 'रियल लाइफ मरमेड (जलपरी)' बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. यूके के मेट्रो से बात करते हुए, मॉस ग्रीन ने कहा कि वह कुछ ऐसा कर रही है जो उसे पसंद है, और वह करियर में बदलाव से पहले से कहीं ज्यादा खुश है. 33 वर्षीय मॉस, डेवोन से हैं लेकिन अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 2016 में सिसिली चली आई थीं.
कैसे आया जलपरी बनने का ख्याल
मॉस ने बताया कि जलपरी बनाने का विचार उनके मन में तब आया जब उन्होंने समुद्र तट पर एक 'जादुई जलपरी' की पोशाक पहने एक व्यक्ति को समुद्र से बाहर आते देखा. एकांत समुद्र तट पर यह देखना वास्तव में जादुई था - उस पल यह मेरे लिए वास्तव में समझ आ गया कि मैं जलपरी बनाना चाहती हूं. यह थोड़ा अलग था लेकिन मुझे करना था.
और फिर शौक बन गया प्रोफेशन
'रियल लाइफ जलपरी' बनने के लिए तैरते समय पूंछ पहननी होती है और मॉस इसका पूरा आनंद लेती है क्योंकि इससे उन्हें प्रकृति और समुद्र के साथ अधिक संपर्क में रहने का एहसास होता है. इंस्टाग्राम के जरिए इस क्षेत्र में नौकरी के ऑफर के बाद मॉस के लिए जो शौक था वह आखिरकार उनका प्रोफेशन बन गया, यानी अब वे पानी में अपने करतब से पैसे भी कमा रही हैं. वह पर्यटकों को समुद्री वन्य जीवन औरसमुद्र तटों को साफ रखने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में भी सिखाती हैं.
लेनी पड़ी सांस रोकने और गोता लगाने की ट्रेनिंग
ऐसे में उन्हें एक प्रोफेश्नल मरमेड के रूप में भी प्रशिक्षण लेना पड़ा. यहां उन्होंने करतब दिखाने के अलावा पानी के भीतर अपनी सांस रोकना और गोता लगाना भी सीखा. उन्होंने कहा- 'मुझे जलपरी बनाने की आजादी बहुत पसंद है. शायद मैं हमेशा से यही करना चाहती थी.'
'पैसा नहीं बस यही मायने रखता है'
मॉस, वास्तव में, उतना नहीं कमाती जितनी वह पहले कमाती थी, लेकिन उससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उनका कहना है कि "यह जीने के लिए काफी है, क्योंकि मैं कुछ ऐसा कर रही हूं जो मुझे पसंद है - बस यही मायने रखता है. कौन जानता है कि भविष्य में क्या हो सकता है - फिलहाल, मैं जलपरी की दुनिया के दरवाजे पर कदम रख रही हूं और यह एक कला है.
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