एक खबर काफी चर्चा में है कि दुबई से मुंबई के बीच एक ट्रेन चलने वाली है और इस ट्रेन की खास बात ये होगी कि ये ट्रेन अंडरवॉटर होगी. लेकिन, इस बात में कितनी सच्चाई है? इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बात हो रही है और इस प्रोजेक्ट को लेकर कई जानकारी भी शेयर की जा रही है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर इसे लेकर सच्चाई क्या है और क्या हकीकत में ऐसा कुछ होने वाला है?
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई को मुंबई से जोड़ने वाली अंडरवाटर रेलवे परियोजना अभी भी अपने "वैचारिक चरण" में है. इस बात की जानकारी उस शख्स ने दी है, जिसके पीछे इस पूरे प्रोजेक्ट की अवधारणा है. द नेशनल एडवाइजर ब्यूरो लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अब्दुल्ला अल शेही ने खलीज टाइम्स को बताया कि कुछ दिनों पहले प्रस्तावित अंडरवाटर रेलवे नेटवर्क के बारे में काफी चर्चा हुई थी.
अभी क्या है अपडेट?
इस भव्य परियोजना का सुझाव पहली बार 2018 में दिया गया था, तब खलीज टाइम्स सहित दुनिया भर के समाचार आउटलेट्स ने इसकी रिपोर्टिंग की थी. हालांकि, अल शेही ने कहा कि परियोजना को लेकर अभी रिसर्च की जा रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जब पहले चरण में रिसर्च की जाती है तो उन चीजों पर ज्यादा गौर किया जाता है कि आगे क्या क्या दिक्कत आ सकती है.
अल शेही ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के फंड को लेकर पहले ब्यूरो को आधिकारिक मंजूरी लेनी होगी और अभी इसे लेकर कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य यूएई और भारत या दोनों देशों के आस-पास के देशों में व्यापार को बढ़ावा देना है.
किस रूट से जाएगी ट्रेन?
इसके साथ ही इससे जुड़े प्रस्तावित मार्ग विकल्पों में कराची और मस्कट शामिल हैं. इसके साथ ही यह खाड़ी क्षेत्र को पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत सहित भारतीय उपमहाद्वीप से जोड़ेगा. अल शेही ने कहा कि हम इस क्षेत्र के करीब 1.5 बिलियन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं. उनके लिए विमान के बजाय ट्रेन का उपयोग करना आसान होगा.
अल शेही के अनुसार, ये प्रोजेक्ट इलेक्ट्रोमैग्नेट का उपयोग करके बनाया जा सकता है, जिसे मैग्लेव तकनीक के रूप में जाना जाता है. जो ट्रेन को 1,000 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि ट्रेन कंक्रीट सुरंगों से होकर गुजरेगी जो अरब सागर की सतह से 20-30 मीटर नीचे डूबी होंगी और स्थिरता के लिए लंगर डाली जाएंगी.
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