तीर, पत्थर के औजार और हड्डियां... समुद्र के अंदर मिली 8500 साल पुरानी बस्ती

डेनमार्क में शोधकर्ताओं ने बढ़ते समुद्र स्तर के कारण जलमग्न हुई पाषाण युग की बस्तियों का पता लगाया है. यह किसी टाइम कैप्सूल की तरह है. इस अंडरवाटर बस्ती में कई ऐतिहासिक साक्ष्य जस के तस संरक्षित मिले.

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समुद्र के अंदर 8500 पुरानी बस्ती के अवशेष  मिले हैं (Photo - AI Generated) समुद्र के अंदर 8500 पुरानी बस्ती के अवशेष मिले हैं (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

उत्तरी डेनमार्क में आरहूस की खाड़ी के गहरे पानी के नीचे पुरातत्वविदों को 8,500 वर्ष पुरानी एक बस्ती के अवशेष मिले हैं.  यहा इतिहास किसी 'टाइम कैप्सूल' की तरह संरक्षित था. 

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिनों पहले गोताखोर डेनमार्क के दूसरे सबसे बड़े शहर आरहूस के निकट समुद्र की लहरों से लगभग 26 फीट नीचे उतरे थे और समुद्र तल से पाषाण युग की बस्तियों के साक्ष्य एकत्र किए.

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समुद्र तल की मैपिंग के लिए नीचे गए थे शोधकर्ता
यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित 15.5 मिलियन डॉलर की छह-वर्षीय अंतरराष्ट्रीय परियोजना के तहत बाल्टिक और उत्तरी सागरों में समुद्र तल के कुछ हिस्सों का मानचित्रण करने के लिए शोधकर्ता पानी के अंदर गए थे. 

इस शोध में आरहूस के साथ-साथ ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय और जर्मनी के लोअर सेक्सोनी इंस्टीट्यूट फॉर हिस्टोरिकल कोस्टल रिसर्च के शोधकर्ता भी शामिल थे.इनका लक्ष्य डूबे हुए उत्तरी यूरोपीय परिदृश्यों का पता लगाना था. इसी दौरान लुप्त हो चुकी मध्यपाषाणकालीन बस्तियों के अवशेष भी इन्हें समुद्र के अंदर से मिले. 

पिछले हिमयुग के बाद वैश्विक समुद्र का स्तर बढ़ा
डेनमार्क में पानी के अंदर खुदाई का नेतृत्व कर रहे पुरातत्वविद् पीटर मो एस्ट्रुप ने बताया कि अब तक ऐसी बस्तियों के अधिकांश साक्ष्य पाषाण युग के तट से दूर अंदरूनी स्थानों पर पाए गए हैं.

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इतनी पुरानी बस्ती के मिलने पर हम कह सकते हैं कि अब हमारे पास वास्तव में एक पुराना समुद्र तट है. हमारी एक बस्ती है जो सीधे समुद्र तट पर स्थित थी. उन्होंने कहा कि हम वास्तव में यह जानने की कोशिश करेंगे कि तटीय बस्तियों में जीवन कैसा था.

अंतिम हिमयुग के बाद, विशाल बर्फ की चादरें पिघल गईं और वैश्विक समुद्र का स्तर बढ़ गया. इससे पाषाण युग की बस्तियां जलमग्न हो गईं और शिकारी-मानव आबादी अंदर के इलाकों में भागने को मजबूर हो गए.

100 साल में 6 फीट बढ़ जाता था समुद्र का स्तर
मो एस्ट्रुप ने बताया कि लगभग 8,500 वर्ष पहले समुद्र का स्तर प्रति शताब्दी यानी हर 100 साल में लगभग 6.5 फीट बढ़ता था. आरहूस के निकट होजबर्ज में मोए एस्ट्रुप और उनके सहयोगियों ने आज के तट के निकट स्थित एक छोटी सी बस्ती में लगभग 430 वर्ग फीट क्षेत्र की खुदाई की है.

बढ़ते समुद्र स्तर ने इतिहास को 'टाइम कैप्सूल' की तरह संरक्षित कर रखा है.शुरुआती गोता लगाने पर जानवरों की हड्डियां, पत्थर के औजार, तीर के सिरे, एक सील का दांत और लकड़ी का एक छोटा सा टुकड़ा मिला, जो शायद एक साधारण औजार था.

शोधकर्ता भविष्य के विश्लेषण के लिए सामग्री इकट्ठा करने के लिए एक तरह के अंडरवाटर वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करके जगह की मीटर दर मीटर छानबीन कर रहे हैं. उन्हें आशा है कि आगे की खुदाई में हारपून, मछली पकड़ने के कांटे या मछली पकड़ने की संरचनाओं के निशान मिलेंगे.

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यहां टाइम कैप्सूल की तरह संरक्षित है इतिहास
मो एस्ट्रुप ने कहा कि यह एक टाइम कैप्सूल की तरह है. जब समुद्र का स्तर बढ़ा, तो सब कुछ ऑक्सीजन-रहित वातावरण में सुरक्षित रहा. यहां समय बस रुक गया.हमें पूरी तरह से संरक्षित लकड़ी मिली है. हमें हेजलनट मिला है. सब कुछ अच्छी तरह से संरक्षित है.

मोसगार्ड संग्रहालय के डेंड्रोक्रोनोलॉजिस्ट जोनास ओगडाल जेन्सेन ने माइक्रोस्कोप से पाषाण युग के वृक्ष के तने के एक हिस्से को देखते हुए कहा किहम बहुत सटीक रूप से कह सकते हैं कि ये पेड़ समुद्र तट पर कब खत्म हुए.

आज के जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में मिलेगी मदद
इससे पता चलता है कि समय के साथ समुद्र का स्तर कैसे बदला है. आज जब विश्व जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के बढ़ते स्तर का सामना कर रहा है, तो शोधकर्ताओं को आशा है कि वे इस बात पर प्रकाश डाल सकेंगे कि आठ हजार साल पहले पाषाण युग के समाजों ने समुद्रतटों में हो रहे परिवर्तन के साथ किस प्रकार सामंजस्य बैठाया.

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