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US-Iran में युद्ध हुआ तो खाड़ी देशों में इतने भारतीय खतरे में!

aajtak.in
  • 08 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST
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ईरान और अमेरिका की पुरानी दुश्मनी एक बार फिर दुनिया के सामने बढ़ती हुई दिख रही है. दोनों ने एक दूसरे पर हमला करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है. इस घटना के बाद से पूरे खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. भारत पर भी असर पड़ेगा. भारत के लिए ईरान कई मायनों में जरूरी है. दुनिया में चीन के बाद भारत ही दूसरा ऐसा देश है जो ईरान से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है. अगर युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा खतरा होगा खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों को होता है. आखिरी स्लाइड में जानिए कितने भारतीय रहते हैं खाड़ी देशों में...

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इस समय फारस की खाड़ी के आसपास करीब 1 करोड़ भारतीय रहते हैं. ईरान में ज्यादा भारतीय नहीं हैं लेकिन वहां भी यह संख्या करीब 800 से 1200 के बीच है. लेकिन युद्ध की दशा में खाड़ी देशों से काफी ज्यादा भारतीयों की देश वापसी हो सकती है.

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सैन्य ताकत में अमेरिका के सामने ईरान कहीं नहीं टिकता लेकिन युद्ध होगा तो खाड़ी देशों में काफी अफरातफरी मचेगी. इससे करीब एक करोड़ भारतीय प्रभावित होंगे. अमेरिका ने पहले ही अपने नागरिकों को खाड़ी देशों को छोड़ने की हिदायत दे चुका है. इसके अलावा ब्रिटेन ने भी खाड़ी देशों में अपने मिलिट्री बेस पर सुरक्षा बढ़ा दी है.

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ईरान के बाद सबसे ज्यादा शिया मुसलमान भारत में रहते हैं लेकिन युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा प्रभावित आम नागरिक होते हैं. खाड़ी देशों में करीब 1 करोड़ भारतीय रहते हैं. लड़ाई होने पर ये सभी संकट में आ जाएंगे. 1990 के खाड़ी युद्ध के दौरान भारत के 1.75 लाख नागरिकों को एयरलिफ्ट कर स्वदेश लाया गया था. 

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भारत दुनिया का दूसरा देश है जो ईरान से सबसे अधिक कच्चा तेल खरीदता है. भारत ईरान से अपनी जरूरत का करीब 39 फीसदी तेल सऊदी अरब और ईरान से खरीदता है. अगर युद्ध होगा तो तेल के जहाजों को रोका जा सकता है. इससे पूरी दुनिया समेत भारत में भी तेल के दाम बढ़ेंगे.

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अगर अमेरिका और ईरान में युद्ध होता है तो एशियाई देशों में सबसे अधिक असर भारत पर पड़ेगा. भारत की भू-रणनीतिक और भू-राजनीतिक स्थिति खराब होगी. क्योंकि भारत के दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं. राजनीतिक रूप से ईरान भारत के लिए बहुत जरूरी है. ऐसे में उसका किसी एक राष्ट्र के साथ खड़ा होना दूसरे के लिए गलत साबित होगा.

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सऊदी अरबः करीब 41 लाख
यूएईः करीब 35 लाख
ओमानः करीब 9.50 लाख
कुवैतः करीब 07 लाख
कतरः करीब 6.50 लाख
बहरीनः करीब 1.50 लाख
ईरानः 800 से 1200 के बीच
इराकः यहां भारतीयों का डेटा उपलब्ध नहीं
कुलः करीब 1 करोड़ भारतीय

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