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37 साल पहले जब कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए थे नरेंद्र मोदी, Rare Photos

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:22 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है. इसके साथ ही उनकी उम्र के 75 वर्ष की हो गई. ऐसे में उनकी जिंदगी के एक ऐसे पहले पर हम नजर डालेंगे जिसके बारे में शायद कम ही लोग जानते होंगे. यहां उनकी कैलाश मानसरोवर की यात्रा से जुड़ी कुछ अनदेखी तस्वीरें हैं. इसके साथ ही उनके पुराने दिनों के भी कुछ फोटो हैं. जानते हैं वो कब कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए थे?  (Photo- X/@modiarchive)
 

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1988 में नरेंद्र मोदी ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा की थी. इसके बारे में काफी कम लोगों को पता है. उस साल पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए देशभर से 200 प्रतिभागियों में से सिर्फ 40 तीर्थयात्री चुने गए थे. इनमें एक नरेंद्र मोदी भी थे.  (Photo- X/@modiarchive)
 

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इस यात्रा के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि उन्होंने पवित्र कैलाश मानसरोवर की कठिन यात्रा भी की है. इस यात्रा की शुरुआत तो धारचूला तक दो दिन की बस यात्रा से हुई. इसके बाद पंद्रह दिनों की यात्रा शुरू हुई, जिसमें खड़ी चढ़ाई, कठोर मौसम और हर कदम पर चुनौती देने वाली ऊंचाई थी. (Photo- X/@modiarchive)
 

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इस यात्रा के लिए घोड़े उपलब्ध थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने पैदल चलना चुना. उन्होंने दुर्गम घाटियों और रास्तों को पार करते हुए मानसरोवर की यात्रा पूरी की. उन्होंने इस दौरान उन्होंने अत्यधिक गरीबी के कारण होने वाली पीड़ा को देखा. (Photo- X/@modiarchive)
 

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वह अक्सर हर पड़ाव पर दूसरों से पहले पहुंच जाते थे. उनकी शांत सहनशक्ति और अडिग संकल्प ने पूरे समूह को प्रेरित किया और वह विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य का जीवंत उदाहरण बन गए.   

यहां दी गई तस्वीर में नरेंद्र मोदी फिल्म अभिनेता मनोज कुमार के साथ एक मंच पर दिखाई दे रहे हैं. यह तस्वीर 1984 की है.  (Photo- X/@modiarchive)
 

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यात्रा के सबसे ऊंचे और दुर्गम बिंदु, डोलमा दर्रे पर, समूह को एक संकट का सामना करना पड़ा. वे पूजा के लिए एक दीया जलाना भूल गए थे. तब मोदी ने अपने हाथों से एक दीया जलाया और सभी तीर्थयात्रियों ने भगवान शंकर की आरती की.

यह तस्वीर 1998 के उनके मॉरिशस यात्रा की है. वह वहां गंगा तलाव के किनारे खड़े हैं.

(Photo- X/@modiarchive)
 

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शारीरिक कष्टों से परे इस यात्रा ने उनमें सहानुभूति और सेवा की गहरी भावना जागृत की. यात्रा के दौरान चढ़ाई ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया. उन्होंने आध्यात्मिकता और निस्वार्थ सेवा पर बातचीत का नेतृत्व किया और समूह को अपनी यात्रा से आगे देखने के लिए प्रोत्साहित किया. (Photo- X/@modiarchive)
 

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