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13 साल बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने निकाली एस्ट्रोनॉट्स की वैकेंसी, दिव्यांगों को भी मौका

aajtak.in
  • लंदन,
  • 01 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST
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यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) 13 साल बाद फिर से अंतरिक्ष यात्रियों की खोज कर रहा है. साल 2008 के बाद अब पहली बार यूरोपियन स्पेस एजेंसी नए एस्ट्रोनॉट्स खोज रही है, क्योंकि यूरोप के पुराने एस्ट्रोनॉट्स की उम्र हो चुकी है. इसलिए ESA अंतरिक्ष मिशन में खुद को स्थापित करने वाले युवाओं से आवेदन मंगवा रही है. अगर आप फिट हो, स्वस्थ हो और प्रतिकूल परिस्थिति में खुद को शांत रख कर काम कर सकने की क्षमता रखते हो तो आप इसमें आवेदन कर सकते हो. (फोटोःगेटी)

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एस्ट्रोनॉट्स के सेलेक्शन के बाद 3 सप्ताह केविंग और व्यवहारिक भू-विज्ञान का कोर्स शामिल होगा. सबसे पहले नए अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजे जाएंगे. इसके बाद 2020 दशक के अंत में या 2030 के मध्य में मून मिशन के लिए भेजे जाएंगे. (फोटोःगेटी) 

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ESA ने इस बार एस्ट्रोनॉट्स के लिए एक खास आवेदन श्रेणी रखी है. इसमें शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी आवेदन कर सकते हैं. दिव्यांगों के लिए इस बार ESA पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहा था. इसका मकसद है जो लोग कम लंबे हैं, शरीर के किसी और विकार से ग्रसित है उन्हें भी आवेदन करने का मौका दिया गया है. (फोटोःगेटी)

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यूरोपियन स्पेस एजेंसी को उम्मीद है कि अगले प्रोफेशनल अंतरिक्ष यात्री को इस भर्ती प्रक्रिया से चुना जाएगा. ये दूसरे भी योग्य लोगों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. आवेदन के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र का अनुभव जरूरी नहीं है. उम्मीदवारों को प्राकृतिक विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, गणित, कम्प्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री की आवश्यकता होगी या फिर एक्सपेरिमेंटल पायलट के रूप में क्वालीफाई होना चाहिए. बाकी जरूरतों के साथ अच्छी इंग्लिश भी आनी चाहिए. इस जॉब के लिए सुयोग्य व्यक्ति को प्रेशर में रह कर काम करना आना चाहिए. (फोटोःगेटी)

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साइंस मिनिस्टर अमांडा सोलोवे ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री बनना कई लोगों का सपना होता है. 2015 में अंतरिक्ष के लिए टिम पिक के ऐतिहासिक मिशन ने लाखों ब्रिटिश लोगों ने देखा है. ये बाकी लोगों के लिए भी हकीकत बन सकता है. इसलिए नई पीढ़ी को इस आवेदन को भरना चाहिए और एस्ट्रोनॉट बनने का मौका छोड़ना नहीं चाहिए. (फोटोःगेटी)

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1989 में हेलेन शरमन पहली ब्रिटिश अंतरिक्ष यात्री बनी. जब उनका सेलेक्शन ज्वाइंट यूके सोवियत संघ मिशन में हुआ. 1991 में शरमन ने अंतरिक्ष में 8 दिन गुजारे और मीर स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी. 
(फोटोःगेटी)

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ब्रिटिश एस्ट्रोनॉट टिम पिक ने कहा कि आने वाले समय मे अंतरिक्ष का सफर बहुत रोमांचक होने वाला है. क्योंकि हम चंद्रमा पर वापस जाने वाले हैं. हम मार्स पर भी जाएंगे. हमें स्पेस में काम करने के लिए अलग-अलग पृष्ठभूमि के प्रेरित लोगों की आवश्यकता होती है. (फोटोःगेटी)

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यूरोपियन स्पेस एजेंसी में एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आवेदन देने की अंतिम तारीख 28 मई तक खुला रहेगा. आवेदन देने की शुरुआत 31 मार्च से शुरू होगी. इसके बाद सेलेक्शन की 17 महीने की प्रोसेस होगी. इसमें स्क्रीनिंग, साइकोलॉजिकल, प्रैक्टिकल, मेडिकल के साथ 2 फेज के इंटरव्यू से गुजरना पड़ेगा. 2022 के अक्टूबर में नतीजा सामने लाया जाएगा, तब पता चलेगा कि कौन बना यूरोपियन स्पेस एजेंसी का एस्ट्रोनॉट. (फोटोःगेटी)

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