केदारनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं ने रिकॉर्ड बना दिया है. अभी तक 11 लाख से ज्यादा लोग बाबा के दर्शन करने जा चुके हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. 2013 में आई त्रासदी के बाद भी लोगों का जोश कम नहीं हुआ, लोग हर चुनौतियों का सामना करते हुए वहां जाने के लिए आकर्षित रहते हैं. अगर आप भी केदारनाथ जाना चाहते हैं, लेकिन बजट के डर से अपना प्रोग्राम टाल रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं सस्ते में केदारनाथ यात्रा का पूरा टूर प्लान.
अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो आपके लिए सबसे करीब रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश का पड़ेगा. आपके शहर से ट्रेन का किराया आप जिस श्रेणी में सफर करना चाहते हैं, उसके हिसाब से तय होगा. अगर आप दिल्ली से जा रहे हैं तो जनरल टिकट 200 रुपये तक मिल जाएगा. रेलवे स्टेशन से सोनप्रयाग जाना होगा. आपको यहां बस और टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी. बस का किराया 600 रुपये हैं तो वहीं शेयरिंग टैक्सी का चार्ज 800 रुपये पड़ता है. बस आपको सीतापुर तक ही छोड़ती है, जो सोन प्रयाग से 2 किलोमीटर की दूरी पर है. अगर आप टैक्सी से जाते हैं तो टैक्सी सोनप्रयाग तक जाती है. अगर आप अपनी प्राइवेट गाड़ी से आ रहे हैं तो आपको सोनप्रयाग में गाड़ी पार्क करनी होगी.
सोनप्रयाग में आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अगर आपने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा रखा है तो आपको यहां दिखाना होगा. सोनप्रयाग से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बाद आपको गौरीकुंड जाना होता है. गौरीकुंड के लिए सोनप्रयाग से टैक्सी मिलती है, जिसके लिए आपको 50 रुपये देने होंगे. सोन प्रयाग से गौरीकुंड की दूरी करीब 6 किलोमीटर है. गौरीकुंड में रुकने के लिए आपको होटल और गेट्स हाउस मिल जाएं.
गौरीकुंड में आप गौरा माई मंदिर में दर्शन कर सकते हैं. यहां पवित्र स्नान कुंड भी है, जहां से श्रद्धालु स्नान करने के बाद अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं. तप्त कुंड के नाम मशहूर इस कुंड में सर्दी के मौसम में भी गर्म पानी आता है. गौरीकुंड से आगे जाने के लिए अगर आप पिट्ठू या पालकी लेना चाहते हैं तो उसके रेट लिस्ट वहां लगे हुए हैं. अगर आपको घोड़े से जाना है तो आगे चलकर आपको घोड़े वाले मिल जाएंगे. अगर आप ट्रैक करके जाना चाहते हैं तो आपको वहीं से पैदल चलना होगा.
गौरीकुंड से 3 किलोमीटर चलने के बाद सबसे पहले आता है चिरवासा भैरो नाथ जी का मंदिर. इस मंदिर से एक किलोमीटर चलने के बाद जगंल चट्टी पड़ता है. यहां रात में रुकने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है. यहां खाने-पीने के सामान के साथ-साथ मेडिकल कैंप भी है. जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं मौसम बदलता जाता है, रास्ते में कई जगह है, जहां लोग चाहें तो रात में रुक कर दूसरे दिन से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं. रास्ते में आपको ग्लेशियर भी देखने को मिलेगा, केदारनाथ मंदिर से एक किलोमीटर पहले घोड़ा खच्चर पड़ाव आता है. जहां से आपको एक किलोमीटर चलके जाना होगा.
हेलीपैड से थोड़ी दूर दर्शन टोकन का काउंटर है, जहां से आप टोकन ले सकते हैं. जिसमें दर्शन का टाइम लिखा होगा. मंदिर के बाहर आपको रुकने के लिए 500 रुपये से लेकर 1200 रुपये तक के टेंट मिल जाएंगे.
टोकन में आपको जो टाइम स्लॉट मिला होगा, उस तय वक्त पर आपको बाबा के दर्शन करने का मौका मिलेगा. महाकाल के दर्शन के बाद जैसे ही बाहर निकलेंगे. बाईं तरफ है श्री ईशानेश्वर महादेव मंदिर जहां आप जरूर दर्शन करें. मंदिर के पीछे है भीम शिला. इसी शिला ने 2013 के केदारनाथ त्रासदी में मंदिर की रक्षा की थी. अगर मंदिर के गर्भ गृह में दर्शन करना चाहते हैं तो उसके एक अलग से काउंटर बना हुआ है, जहां से आपको 1100 रुपये का पास लेना होगा, जिसके बाद आप मंदिर के गर्भ गृह में जाकर दर्शन कर सकते हैं. शाम को 7 बजे बाबा केदारनाथ की खास आरती होती है. मंदिर के पास ही आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि, जिन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था.
aajtak.in