रेत में छुपा जादू! जैसलमेर के ये नजारे लगते हैं कुदरत का करिश्मा 

जैसलमेर सिर्फ रेत के टीलों के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यहां की सादगी, रंगीन संस्कृति और कुदरत की खूबसूरती हर मुसाफिर को अपना दीवाना बना लेती है.

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रेत पर उतरती शाम की केसरिया परछाईं (PC-incredibleindia.gov.in) रेत पर उतरती शाम की केसरिया परछाईं (PC-incredibleindia.gov.in)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

राजस्थान के रेगिस्तान में बसी एक ऐसी जगह है, जहां कुदरत का करिश्मा रेत के कण-कण में छुपा है. इस जगह का नाम है जैसलमेर. यहां की धूप में चमकती रेत, दूर-दूर तक फैली सुनहरी बालू की पहाड़ियां और वहां से उगता और डूबता सूरज सब कुछ किसी जादुई पेंटिंग सा लगता है.  इतना ही नही यहां की खूबसूरती न सजी-संवरी है, न ही किसी कृत्रिम सजावट की मोहताज है. 

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वहीं इन टीलों पर ऊंट की सवारी या रेगिस्तान सफारी का अनुभव रोमांच से भर देता है. सैम और खुरी जैसे टीलों पर सैलानी शाम के वक्त जमा होते हैं, जहां लोकगीतों की धुन और घूमर की थाप, इस वीरान रेगिस्तान को जिंदगी से भर देती है.

थार की रेत पर कुदरत की कलाकारी

थार की रेत पर जब सुबह की पहली किरणें गिरती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे धरती ने सोने की चादर ओढ़ ली हो. यानी बालू की टीलों सुनहरी हो जाती हैं. इतना ही नहीं दोपहर की तपिश इसे और भी चमका देती है. वहीं शाम होते-होते यही टीलें केसरिया रंग में रंग जाती हैं. यही वजह है कि जैसलमेर की सुबह-शाम किसी जादुई कहानी से कम नहीं लगती.

गड़ीसर झील, रेत के बीच शांति की लहरें

जैसलमेर शहर के भीतर ही एक छोटी-सी झील है. जिसका नाम है गड़ीसर झील. बताया जाता है इस झील को 14वीं शताब्दी में राजा गड़सी सिंह ने बनवाया था, जो आज सैलानियों के लिए सुकून की सबसे प्यारी जगह बन गई है. इतना ही नहीं सुबह-सुबह यहां की शांति और पक्षियों की चहचहाहट मन को ठहराव देती है. इसके अलावा आप यहां नाव की सवारी कर सकते हैं और आसपास बने छतरियों और मंदिरों के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं.

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डेजर्ट नेशनल पार्क, रेगिस्तान की जंगली दुनिया

अगर आप सोचते हैं कि रेगिस्तान में सिर्फ रेत होती है तो डेजर्ट नेशनल पार्क आपकी सोच बदल देगा. यह जैसलमेर से कुछ किलोमीटर दूर है और यहां आपको रेगिस्तान की जैव विविधता देखने को मिलेगी. यहां का सबसे खास जीव है ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानी 'गोडावण'. इसके अलावा यहां आपको लोमड़ी, छिपकली, गिद्ध, चील और प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं. इतना ही नहीं सर्दियों में ये इलाका फोटोग्राफरों और पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग बन जाता है.

रेत के बीच जीवन की अनोखी कहानी- डेजर्ट नेशनल पार्क (Photo-incredibleindia.gov.in)

कब जाएं जैसलमेर?

नवंबर से मार्च का समय जैसलमेर घूमने का सबसे बढ़िया है. क्योंकि इस दौरान यहां की गर्मी कम होती है और सुबह-शाम की ठंडक में रेत पर घूमना, सूरज को देखना और लोक संस्कृति को महसूस करना एक अलग ही अनुभव होता है.

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