यात्रा सिर्फ मन बहलाने का जरिया नहीं होती, बल्कि यह हमें नए अनुभव और भरोसेमंद जगहों से भी जोड़ती है. केरल अब अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए ऐसा ही एक पसंदीदा और सुरक्षित गंतव्य बनकर उभरा है. हाल ही में एक महिला यात्री ने रेडिट पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे केरल ने उन्हें सुरक्षा, अपनापन और सुकून का एहसास कराया. यही नहीं उनकी पोस्ट के बाद सोलो ट्रैवल करने वाली कई महिलाओं ने केरल को अपनी पसंदीदा जगह बताया.
एक महिला यात्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्हें केरल में अपनी अकेले की यात्रा के दौरान कहीं भी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ. उन्होंने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "केरल मेरी जैसी महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित लगा." उनकी यह यात्रा इस बात को साबित करती है कि केरल सिर्फ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी जाना जा सकता है.
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महिला यात्री ने विशेष रूप से वहां के स्थानीय लोगों के व्यवहार की तारीफ़ की. उन्होंने बताया कि भले ही भाषा की थोड़ी समस्या थी, लेकिन लोग मिलनसार थे और उन्होंने मदद के लिए हमेशा पहल की. इतना ही नहीं उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें कभी भी सामान की तरह असहज नज़रों से देखने की कोशिश नहीं की. स्थानीय लोगों ने उनसे बात करने के लिए टूटी-फूटी हिंदी का भी इस्तेमाल किया, जिससे पता चलता है कि वे पर्यटकों का दिल से स्वागत करना चाहते हैं.
केरल की यात्रा करने वाली इस महिला यात्री ने राज्य के अनुभव को बहुआयामी बताया. उन्होंने केरल के माहौल को स्वच्छ, ताज़ा और पूरी तरह सुरक्षित पाया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे खूबसूरत स्थानों को संरक्षित करने की सख्त ज़रूरत है. इसके अलावा, उन्होंने केरल की समृद्ध और विविध संस्कृति की भी दिल खोलकर सराहना की. महिला यात्री का कहना था कि केरल हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ खास रखता है और उन्हें अपनी पूरी यात्रा में बोरियत महसूस नहीं हुई.
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यात्री पहले वर्कला, त्रिवेंद्रम और कोवलम जैसे लोकप्रिय गंतव्यों का दौरा कर चुकी थीं. इस बार, उन्होंने सूर्यनेल्ली की यात्रा की, जो मुन्नार और थेक्कडी से थोड़ा आगे स्थित एक ऑफबीट लेकिन बेहद खूबसूरत जगह है. चाहे वह भीड़-भाड़ वाले तटीय इलाके हों या शांत पहाड़ी क्षेत्र, उन्होंने पाया कि राज्य का हर कोना सुरक्षित है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मुन्नार, थेक्कडी और अलप्पुझा के साथ-साथ इस छोटे से क्षेत्र में भी उन्हें कभी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ, जो सोलो महिला यात्रियों के लिए केरल की सुरक्षा को प्रमाणित करता है.
इस पोस्ट पर कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने भी केरल के अपने सुरक्षित यात्रा अनुभवों को साझा किया. टिप्पणी अनुभाग में, कई लोगों ने केरल के लोगों को स्वागतशील और जगह को सुरक्षित बताया. इन चर्चाओं ने भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने और ऐसे स्वागत योग्य पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के महत्व को भी दर्शाया. इन अनुभवों से साफ़ है कि केरल अब सोलो महिला यात्रियों के लिए एक भरोसेमंद ठिकाना बन गया है.
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