नवरात्र का समय आते ही देश में भक्ति और आस्था का माहौल छा जाता है. यह समय सिर्फ पूजा-अर्चना का नहीं, बल्कि देवी मंदिरों की यात्रा का भी है. भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित ये शक्तिपीठ न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं, बल्कि अपनी ऊंचाई, पहाड़ी रास्तों और प्राकृतिक सुंदरता से यात्रियों के लिए रोमांच का एक्सपीरियंस भी देते हैं. अगर आप नवरात्र पर धार्मिक और ट्रैवल अनुभव दोनों चाहते हैं, तो ये 5 मंदिर आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं.
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मध्य प्रदेश के नए जिले मैहर में त्रिकूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर बना यह मंदिर अपनी भव्यता और चमत्कारों के लिए जाना जाता है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लभग 1065 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. मान्यता है कि यह एक शक्तिपीठ है, जहां माता सती का हार गिरा था, इसी वजह से इस जगह का नाम 'मैहर' पड़ा.
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मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर देवी महाकाली को समर्पित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह भी एक शक्तिपीठ है जहां देवी सती का ऊपरी होंठ गिरा था. यही वजह है कि नवरात्रि में यहां बड़ी संख्या में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं.
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जम्मू-कश्मीर में स्थित यह मंदिर भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है. नवरात्रि के दौरान यहां का माहौल "जय माता दी" के जयकारों से गूंज उठता है. यहां के बारे में कहा जाता है कि कठिन चढ़ाई के बाद जब भक्त मां के दर्शन करते हैं, तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है.
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मिर्जापुर में स्थित यह धाम मां विंध्यवासिनी को समर्पित है. मान्यता है कि यहां मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यही वजह है कि नवरात्र पर यहां विशेष मेला लगता है, जो दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.
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गुवाहाटी के नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या मंदिर तांत्रिक परंपराओं और रहस्यमयी मान्यताओं के लिए जाना जाता है. नवरात्र के समय यहां विशेष पूजा और यज्ञ होते हैं और दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.
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