कूड़ा वाला सुबह-सुबह मिसेज शर्मा से बहस कर रहा था. वो उन पर खीझ रहा था, वो उसे डांट रही थीं। “तुम अपनी औकात में रहो। कूड़ा वाले हो, कूड़ा उठाओ और चलते बनो, नहीं तो…कूड़ा वाला कह रहा था, “मैडम, हमने दो तरह के डिब्बे रखे हैं. आप पढ़ी-लिखी हैं, आपको पता है कि इसमें ऐसा कूड़ा डालना है, उसमें वैसा. पर आप कभी इस बात का ध्यान नहीं रखतीं. सब एक ही डिब्बे में डाल देती हैं। इससे हमें कूड़ा अलग करने में बहुत मुश्किल आती है.