देश में साइबर फ्रॉड बढ़ने के साथ ही सरकार अब मोबाइल सिम के गलत इस्तेमाल पर सख्त हो गई है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट यानी DoT ने साफ चेतावनी जारी की है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक DoT ने कहा है कि अगर किसी सिम कार्ड का रजिस्ट्रेशन आपके नाम पर है और उसका इस्तेमाल किसी गलत काम में होता है, तो कानूनी जिम्मेदारी भी आपकी ही मानी जाएगी.
यानी अगर वो सिम आपने खुद यूज़ किया हो या किसी को दे दिया हो, या फिर आपको पता ही न हो कि कोई दूसरा उसका गलत फायदा उठा रहा है. ऐसी स्थिति में कानून में नाम उसी का चलेगा जिसके डॉक्यूमेंट पर सिम ली गई थी.
पिछले कुछ महीनों में पुलिस और साइबर सेल ने ऐसी कई घटनाएं पकड़ी हैं जहां फ्रॉड में जिस नंबर का इस्तेमाल हुआ, वो असल में उस व्यक्ति के पास था ही नहीं.
फोन नंबर बन रहे हैं स्कैम की वजह...
कई बार दुकानों पर सिम एक्टिवेशन के लिए लोग अपने डॉक्यूमेंट दे देते हैं, और शॉप ओनर या एजेंट उन्हीं की पहचान पर कई सिम जारी कर देते हैं. बाद में उन्हीं सिम्स का इस्तेमाल लोन फ्रॉड, बैंकिंग स्कैम, ऑनलाइन धमकी, फर्जी KYC और ठगी में किया जाता है.
जब ट्रेसिंग होती है, तो सबसे पहले पुलिस उसी व्यक्ति तक पहुंचती है जिसके नाम पर सिम एक्टिवेट हुआ था. DoT ने यह भी साफ किया है कि सिम के साथ-साथ मोबाइल फोन के IMEI नंबर में छेड़छाड़ करना भी गंभीर अपराध है.
कई फ्रॉड गैंग ऐसे फोन इस्तेमाल करते मिले जिनमें IMEI को बदल दिया जाता है, ताकि किसी एक नंबर को पकड़ना मुश्किल हो जाए.
नई टेलीकॉम पॉलिसी और साइबर सिक्योरिटी रूल्स के तहत इस तरह के बदलाव पर भारी जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है. सरकार का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क की सुरक्षा तभी मजबूत होगी जब लोग अपने नाम पर लिए गए नंबरों के प्रति जिम्मेदार बनें.
खुद से मेक श्योर करें, आपके नाम पर कहीं सिम तो नहीं चल रहे हैं?
असल समस्या ये है कि बहुत से लोग यह समझते हैं कि सिम मेरे नाम पर है, पर यूज़ कोई और कर रहा है, तो मुझे क्या. लेकिन कानून में ऐसा नहीं है. जिस नाम के दस्तावेज़ से सिम जारी हुआ है, उस व्यक्ति को ही उसके हर उपयोग के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
यही वजह है कि DoT ने जनता को चेताया है कि अगर आपके नाम पर कोई ऐसा नंबर चल रहा है जिसे आप इस्तेमाल नहीं करते, तो उसे तुरंत बंद करा दें. लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने नाम पर एक्टिव सभी सिम कार्ड की जांच करें और किसी भी अनजान या बेकार पड़े नंबर को डिएक्टिवेट करा दें.
साइबर फ्रॉड में सिम कार्ड सबसे आसान हथियार बन चुका है. फर्जी आईडी से लिए गए सिम पर स्कैमर्स नई पहचान बना लेते हैं और बैंकिंग OTP से लेकर फर्जी कस्टमर केयर कॉल तक सब कुछ इसी पर चलता है.
अगर कोई आपके डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग करता है तो सिर्फ फ्रॉड करने वाला ही नहीं, बल्कि डॉक्यूमेंट देने वाला भी कानूनी कार्रवाई में फंस सकता है. संचार साथी ऐप को यूज करके आप ये जान सकते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम इश्यू हुए हैं. अगर कोई अनजान नंबर या वो नंबर जो आपने नहीं लिया है यहां दिख रहा है तो तुरंत उसे डिऐक्टिवेट करवाएं.
कुल मिला कर बात यही है कि मोबाइल नंबर सिर्फ एक कनेक्शन नहीं, आपकी पहचान है. अगर आपकी पहचान का इस्तेमाल गलत हाथों में चला गया, तो मुश्किलें भी आपकी ही बढ़ेंगी. इसलिए अपने नाम पर कौन-कौन से नंबर रजिस्टर्ड हैं, किसका कैसे इस्तेमाल हो रहा है, और आपका फोन व सिम पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, यह देखना अब जरूरत नहीं, जिम्मेदारी बन चुका है.
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