बड़े काम के हैं ये लोकेशन शेयरिंग टैग, किसी ने खोजी लापता दादी, कोई खोज निकाल लाया चोरी हुई बाइक

गुम या चोरी हुए सामान को खोजने का सबसे आसान तरीका है कि सबसे पहले उसकी लोकेशन का पता लगाया जाए. इसके बाद उसकी आवाज को सुना जाए. मार्केट में ढेरों लोकेशन ट्रैकर टैग मौजूद हैं, जो लोकेशन शेयरिंग करते हैं. Apple Airtag समेत ढेरों प्रोडक्ट हैं, जो इस तरह की सर्विस देते हैं. आइए उनके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

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Apple AirTag की मदद से गुम या चोरी हुआ सामान आसानी से मिल सकेगा. (Photo: Apple.com) Apple AirTag की मदद से गुम या चोरी हुआ सामान आसानी से मिल सकेगा. (Photo: Apple.com)

रोहित कुमार

  • नई दिल्ली ,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

चोरी और गुम होना कई बार आम सा लगता है, लेकिन गुम होने वाला कोई रिश्तेदार हो या फिर चोरी होने वाला सामान कीमती जेवरात हों. ऐसे सामान को और शख्स को खोजने की लिए लोग पूरी ताकत लगा देते हैं. 

मार्केट में कुछ ऐसे छोटू प्रोडक्ट हैं, जिनकी मदद से चोरी या गुम सामान की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं. इन प्रोडक्ट का नाम लोकेशन ट्रैकर टैग है. 

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पोते ने GPS से खोज निकाली दादी 

सोमवार को मुंबई से एक केस सामने आया था, जहां एक पोते ने अपनी दादी को खोज निकाला. दादी के नेकलेस में GPS ट्रैकर इंस्टॉल था जिसकी मदद से उन्होंने उसको खोज निकाला. हालांकि GPS ट्रैकर की डिटेल्स शेयर नहीं की है, लेकिन बाजार में कई लोकेशन फाइंडर टैग हैं, जो ऐसी सुविधा देते हैं. 

वहीं, Apple AirTag दुनियाभर में पॉपुलर हैं. इसकी मदद से लोग अपना एयरपोर्ट से चोरी हुआ बैग और यहां तक की चोरी हुई साइकिल को भी खोज चुके हैं. इसके बाद चोर को जेल तक पहुंचा चुके हैं. 

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ऐपल स्टोर पर Apple AirTag की शुरुआती की शुरुआती कीमत 3490 रुपये है. एक बार इस एयरटैग को ऐपल अकाउंट के साथ कनेक्ट करना होगा, उसके बाद Apple के Find My app की मदद से उस टैग को ट्रैक कर सकते हैं. इस टैग को बाइक, साइकिल, बैक, चाबी, पर्स और बच्चों की पॉकेट आदि में डाल सकते हैं.

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सस्ते लोकेशन ट्रैकर टैग भी मौजूद

ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में ढेरों ब्रांड मौजूद हैं, जो GPS Tracker Tag को सेल कर रही हैं. इसमें JioTag का नाम भी शामिल है. सभी के अंदर एक सिक्के के आकार की बैटरी लगाई जाती है, जो पूरे एक साल की लाइफ के साथ आती है. 

लोकेशन फाइंड ट्रैकर अलग-अलग टाइप से काम करते हैं, हालांकि सभी की लोकेशन मोबाइल ऐप के जरिए देखा जा सकती है. 

  • SIM कार्ड बेस्ड लोकेशन ट्रैकर टैग इंटरनेट की मदद से डेटा भेजते हैं. 
  • कुछ Bluetooth/LoRa/Wi-Fi की मदद से ऐप को लोकेशन भेजते हैं. 

कंपेटेबिलिटी का रखें ध्यान 

लोकेशन टैग खरीदने से पहले उसकी कंपेटेबिलिटी का ध्यान रखें. दरअसल, बाजार में मुख्यतः दो प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम हैं, जिनमें से एक Android और दूसरा iOS है. 

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