ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (TfL) पर हुए बड़े साइबर अटैक में दो किशोरों पर आरोप तय किया गया है. इस साइबर अटैक की वजह से ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन को महीनों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस साइबर अटैक में TfL को करोड़ों का नुकासन हुआ है. यह हमला अगस्त 2024 का है.
नेशनल क्राइम एजेंसी ने बताया कि इस घटना की शुरुआत 31 अगस्त 2024 से शुरू हुई थी. क्राइम एजेंसी का कहना है कि ये मामला कुख्यात हैकर ग्रुप Scattered Spider से जुड़ा हुआ है. इस मामले में 19 साल के थाल्हा जुबैर (लंदन) और 18 साल के ओवेन फ्लावर्स (वाल्सॉल) को गिरफ्तार किया गया था.
दोनों को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया गया. दोनों पर कंप्यूटर मिसयूज एक्ट के तहत TfL पर साइबर अटैक की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. फ्लावर्स पहले ही इस मामले में बेल पर जेल से बाहर है. गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों को फ्लावर्स के पास से अमेरिकी हेल्थकेयर कंपनियों पर साइबर अटैक के कुछ सबूत मिले हैं.
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NCA के प्रमुख पॉल फोस्टर ने बताया, 'आज के आरोप एक लंबी और कॉम्प्लेक्स जांच में एक जरूरी कदम है. इस हमले ने ब्रिटेन के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी TfL को मुश्किलों और लाखों का नुकसान पहुंचाया है.' फोस्टर ने बताया कि इस साल की शुरुआत में ही NCA ने साइबर क्रिमिनल्स के बढ़ते मामलों की जानकारी दी थी.
पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ कस्टडी की मांग की है. वहीं TfL ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. TfL ने कहा, 'हम नेशनल क्राइम एजेंसी के इस ऐलान का स्वागत करते हैं. दोनों युवकों पर पिछले साल हुए साइबर अटैक मामलें में आरोप तय किया गया है, जिसकी वजह से हमारी सेवाएं बाधित हुई थी.'
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NCA ने कहा कि ये गिरफ्तारी लंबी और जटिल जांच का नतीजा है और इस मामले में कोर्ट में पेशी अक्टूबर में होगी. इस हैकिंग की वजह से TfL को 5 हजार ग्राहकों को उनकी बैंकिंग और पर्सनल डेटा लीक होने की संभावना को लेकर वॉर्निंग देनी पड़ी थी.
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