शेयर मार्केट का चस्का पड़ा भारी, बैठे-बिठाए गंवा दिए 98 लाख, WhatsApp यूजर्स रहें सतर्क

साइबर ठगी का नया केस पुणे से सामने आया है, जहां प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को फेक इनवेस्टमेंट स्कैम में फंसाया. इसके बाद हाई रिटर्न के लालच में आकर विक्टिम ने 98 लाख रुपये गंवा दिए गए हैं. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

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पुणे के शख्स को साइबर ठगों ने शिकार बनाया. (Photo: Unsplash.com) पुणे के शख्स को साइबर ठगों ने शिकार बनाया. (Photo: Unsplash.com)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST

साइबर ठगी का एक नया केस सामने आया है, जहां विक्टिम को बड़ी ही चालाकी से शिकार बनाया. विक्टिम पुणे में रहते हैं और एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. पहले विक्टिम को WhatsApp पर मैसेज भेजा और आखिर में 98 लाख रुपये बैंक खाते से उड़ा लिए. विक्टिम को शुरुआत में हाई रिटर्न का लालच दिया. विक्टिम ने पुलिस कंप्लेंट दर्ज करा दी है. ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से मिली है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि साइबर ठगी की शुरुआत एक WhatsApp Group से हुई है. विक्टिम को किसी अनजान शख्स ने एक वॉट्सऐप ग्रुप में सितंबर महीने के दौरान शामिल कर लिया. 

वॉट्सऐप ग्रुप के नाम से दिया धोखा

वॉट्सऐप ग्रुप में किसी बड़ी कंपनी के नाम से मिलता जुलता नाम का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से विक्टिम शुरुआत में फर्जीवाड़े को पहचान नहीं पाए. 

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फेक एक्सपीरियंस शेयर कर रहे थे 

विक्टिम ने देखा कि वॉट्सऐप ग्रुप के अंदर बहुत से लोग अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि उन्होंने मोटी कमाई की है. कोई शख्स स्टॉक मार्केट को लेकर सजेशन दे रहा है. 

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इसके बाद विक्टिम से पर्सनली कॉन्टैक्ट होता है. फिर विक्टिम से भी इनवेस्टमेंट करने को कहा जाता है.फिर विक्टिम के फोन में एक ऐप इंस्टॉल कराया जाता है. 

इसके बाद विक्टिम सितंबर से लेकर नवंबर तक इनवेस्टमेंट करते रहे. इस दौरान विक्टिम को फेक ऐप में उनके द्वारा किए गया इनवेस्टमेंट और फेक प्रोफिट भी दिखाया गया. 

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साइबर ठगी का भंडाफोड़ कब हुआ

साइबर ठगी के इस केस का भंडाफोड़ तब हुआ जब विक्टिम ने अपने रुपये निकालने की कोशिश की. शुरुआत में विक्टिम की कोशिश असफल रही, जिसके बाद साइबर ठगों ने विक्टिम ने एक्स्ट्रा रुपये प्रोसेसिंग और टैक्स के नाम पर वसूले. 

फिर दोबारा रुपये निकालने का प्रोसेस फेल हो गया. इसके बाद विक्टिम को समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुका है. इसके बाद उन्होंने पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराई. 

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