ईरान के बैंक्स पर साइबर अटैक, सामने आया इस ग्रुप का नाम, पहले भी कर चुका है कई हमले

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरानी बैंकों पर साइबर हमले की पुष्टि हुई है. बैंक सेपाह और बैंक पसारगाड को निशाना बनाया गया, ईरान ने इस हमले की जानकारी दी है. एक एंटी-ईरानी हैकिंग ग्रुप 'गोंजेश्के दारांदे' ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जो इजरायल से जुड़ा माना जाता है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

Advertisement
साइबर अटैक (प्रतीकात्मक तस्वीर) साइबर अटैक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग अब साइबर वर्ल्ड में पहुंच चुकी है. ईरानी अथॉरिटीज ने बुधवार (18 जून) को कन्फर्म किया है कि उनके दो बैंक्स पर साइबर हमला हुआ है. ईरानी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बैंक सेपाह और बैंक पसारगाड को निशाना बनाया गया है. 

प्रवक्ता का कहना है कि इस साइबर हमले में लोगों के डेटा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और बैंक के सिस्टम को रिस्टोर कर लिया जाएगा. एक एंटी-ईरानी सरकार हैकिंग ग्रुप ने मंगलवार (17 जून) को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया कि उसने ईरान के सरकारी बैंक, बैंक सेपाह का डेटा नष्ट कर दिया है. 

Advertisement

किसने किया हमला?

इस ग्रुप के इजराइल से संबंधित होने की आशंका है और इन्होंने पहले भी ईरान पर कई साइबर हमले किए हैं. इस ग्रुप को गोंजेश्के दारांदे या Predatory Sparrow के नाम से जाना जाता है. ग्रुप ने एक पोस्ट में बताया है कि उन्होंने बैंक को इसलिए हैक किया क्योंकि बैंक ईरानी सेना को फंड देने में मदद करता है.

यह भी पढ़ें: Donald Trump ने Iran को दी धमकी

ये साइबर हमला ऐसे समय पर हुआ है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है. दोनों देश एक दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं. पिछले हफ्ते इजराइल ने ईरान में कई जगहों पर हमला किया है. इजरायल ने कहा था कि वो ईरान के कथित परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहा है. 

पहले भी आ चुका है नाम

इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है. दोनों देशों ने इस हफ्ते एक दूसरे पर लगातार मिसाइल हमले किए हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को बैंक सेपाह की वेबसाइट बंद थी. बता दें कि गोंजेश्के दारांदे ने 2022 में ईरान के एक स्टील प्लांट पर साइबर हमले की जिम्मेदारी ली थी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: इजरायल अपने इरादों में कामयाब हुआ तो क्या Iran में वापस लौटेगा उदारवाद, या बनी रहेगी धार्मिक हुकूमत?

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने इस समूह को साल 2021 में ईरान के पेट्रोल पंप नेटवर्क पर हुए एक हमले से भी जोड़ चुके हैं. इस हमले की वजह से पूरे ईरान में गैस स्टेशन्स ठप हो गए थे. इजरायली मीडिया में भी इस ग्रुप को इजरायल समर्थित बताया जा रहा है, लेकिन इजरायल ने आधिकारिक रूप से कभी भी इस ग्रुप से अपने संबंध को स्वीकार नहीं किया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement