फेसबुक के जरिए उइगर मुस्लिमों को टारगेट कर रहे है चीनी हैकर्स, फेसबुक ने किया ब्लॉक

Facebook पर चीनी हैकर्स उइगर को निशान बना रहे हैं. इनमें से ज्यादातर विदेशों में रह रहे उइगर शामिल हैं. फेसबुक पर लिंक के जरिए मैलवेयर टारगेट के डिवाइस में भेज दिया जाता है. इसके बाद इन पर नजर रखी जाती है. फेसबुक ने अपने रिपोर्ट में और भी कई खुलासे किए है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST
  • चीन में प्रताड़ित हो रहे उइगर पर अब चीनी हैकर्स टारगेट कर रहे है
  • फेसबुक के जरिए ये हैकर्स उइगर को टारगेट कर रहे है
  • इन हैकर्स ग्रुप को Earth Empusa या Evil Eye के नाम से जाना जाता है

Facebook पर चीनी हैकर्स उइगर मुस्लिमों को निशान बना रहे है. Facebook ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी ने कई हैकर ग्रुप्स को ब्लॉक किया है.

ये फेसबुक के जरिए विदेशों में रह रहे उइग मुस्लिमों को टारगेट कर रहे थे. उन्हें लिंक से मैलवेयर भेजा जहा रहा था. इससे उनका डिवाइस इनफेक्ट हो जाता और उनपर नजर रखी जा सकती थी.  

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सोशल मीडिया कंपनी Facebook ने कहा कि सिक्योरिटी इंडस्ट्री में इन हैकर्स ग्रुप को Earth Empusa या Evil Eye के नाम से जाना जाता है.

ये हैकर्स एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट और चीन में शोषित हो रहे मुस्लिम जातीय उइगर को निशाना बना रहे थे. कंपनी ने कहा कि हैकर के निशाने पर 500 से कम टारगेट थे.

इनमें से ज्यादातर शिंजियांग प्रांत के रहने वाले है. इनमें से ज्यादातर बाहरी देश जैसे तुर्की, कजाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका, सीरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में रह रहे है. 


ज्यादातर हैकर्स की एक्टिविटी फेसबुक से दूर हो गई है. ये हैकर्स इस सोशल मीडिया का उपयोग कर सीधे मैलवेयर ना फैला कर malicious वेबसाइट की लिंक शेयर किया करते थे. फेसबुक ने कहा कि इन हैकर्स के पास अच्छे रिसोर्स और इस ऑपरेशन की समझ थी. वो पता लगा रहे है इसके पीछे किसका हाथ है. 

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ये हैकर्स फेसबुक पर अपने आप को जर्नलिस्ट, स्टूडेंट, ह्यूमन राइट एडवोकेट या उइगर कम्युनिटी के मेंबर बताते थे.

ये अपने टारगेट को भरोसे में लेकर उनसे खतरनाक वेबसाइट की लिंक शेयर कर उसपर क्लिक करने को कहते थे. खतरनाक वेबसाइट को उन्होंने पॉपुलर उइगर और तुर्किश न्यूज साइट की तरह बना रखा था. हैकर्स ने थर्ड पार्टी एंड्रॉयड ऐप स्टोर पर उइगर थीम ऐप्स, प्रेयर और डिक्शनरी ऐप को लिस्ट कर रखा था. इन ऐप्स में मैलवेयर होते थे. 


Facebook ने कहा है कि इन्होंने अपनी जांच में पाया कि दो चीनी कंपनी बीजिंग बेस्ट यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड (बेस्ट एलएच) और डालियान 9Rush Technology Co Ltd (9Rush) के डेवलप किए एंड्रॉयड टूल का हैकर्स ने उपयोग किया है. 


वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने फेसबुक के इस रिपोर्ट पर कमेंट नहीं किया है. जबकि बीजिंग ने हमेशा की तरह इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है.

न्यूज एजेंसी ने जब Beijing Best United Technology को कॉल किया तो फोन को कट कर दिया गया. जबकि Dalian 9Rush Technology के फोन नंबर के बारे में पता नहीं लगाया जा सका.  


फेसबुक ने कहा है कि इसने हैकर्स जिनके अकाउंट 100 से भी कम थे उन्हें हटा दिया है. मैलवेयर वाले लिंक्स को इसने ब्लॉक कर दिया है. 

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