Bitcoin Wallet 9 साल बाद हुआ एक्टिव, 6 लाख बन गए 216 करोड़ रुपये

लगभग 9 साल से Bitcoin वॉलेट में रखे 6 लाख रुपये 216 करोड़ बन गए. इस Bitcoin अकाउंट की शुरुआत साल 2012 में हुई थी.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST
  • साल 2012 में शुरू हुआ था ये Bitcoin अकाउंट
  • इससे 9 साल तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया गया था

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इसको लेकर सरकार एक बिल भी लाने वाली है. इसमें काफी लोग इनवेस्ट भी कर रहे हैं. जिन्होंने शुरूआत में इसमें इनवेस्ट किया था वो काफी पैसे बना चुके हैं. ऐसी ही एक खबर फिर से आई है. लगभग 9 साल से Bitcoin वॉलेट में रखे 6 लाख रुपये 216 करोड़ रुपये बन गए. 

साल 2012 में एक Bitcoin अकाउंट की शुरुआत हुई थी. इसमें 10 दिसंबर 2012 को 616 Bitcoin आए थे. उस समय Bitcoin की वैल्यू लगभग 13.30 डॉलर (लगभग 980 रुपये) थी. इस हिसाब से 616 Bitcoin की वैल्यू 8,195 डॉलर (लगभग 6 लाख रुपये) थी. 

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इसके बाद अकाउंट से कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं किया गया. ये लगभग 9 साल तक ऐसे ही रहा. अभी हाल में ही इस अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांजैक्शन किया गया है. इस अकाउंट के सभी Bitcoin को दूसरे अकाउंट में भेजने के बाद इस बात का पता चला कि इसमें 358,655 परसेंट का प्रॉफिट हुआ था.

अभी की Bitcoin वैल्यू के हिसाब से ये अमाउंट 29.40 मिलियन डॉलर (लगभग 216 करोड़ रुपये)हो गया है. ये ग्रोथ ने इस क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट को एक व्हेल बना दिया. व्हेल अकाउंट उनको कहा जाता है जिसमें काफी Bitcoin होते हैं और ये क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को इन्फ्लुएंस कर सकते हैं. 

ये अकाउंट्स पॉपुलर होते हैं और स्क्रूटिनी में होते हैं. इस वजह से इन अकाउंट्स पर नजर रखकर इस हाइली वोलेटाइल मार्केट पर नजर रखी जाती है. ये पहली बार नहीं है कि काफी समय के बाद अकाउंट ओपन हुआ हो और इतना बड़ा ट्रांजैक्शन किया हो. 

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इस साल जुलाई में एक Whale Alert नाम के अकाउंट ने 791 bitcoins (वैल्यू लगभग 250 करोड़ रुपये)का ट्रांजैक्शन लगभग 9 साल बाद किया था. 

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं. इसके लिए सरकार संसद में एक बिल लाने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिल के जरिए सरकार प्राइवेट  क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर सकती है. कई भारतीयों ने भी Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्ट कर रखा है. ऐसे में बड़ा सवाल अभी यही है कि अगर क्रिप्टोककरेंसी को बैन किया जाता है तो इन इनवेस्टर्स का क्या होगा. 

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