क्या गूगल आपके Gmail पढ़ रहा है. सोशल मीडिया पर ये दावा काफी पॉपुलर हो रहा है. इसमें कहा जा रहा है कि गूगल आपके Gmail मैसेजेज का इस्तेमाल अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ट्रेन करने में कर रहा है. हालांकि, गूगल ने इन आरोपों को भ्रामक बताया है. (Photo: Unsplash)
कंपनी का कहना है कि उन्होंने अपनी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया है. गूगल के स्पोक्सपर्सन जेनी थॉमसन ने शुक्रवार को कहा कि हम Gmail कंटेंट का इस्तेमाल अपना Gemini AI मॉडल को ट्रेन करने में नहीं कर रहे हैं. (Photo: Unsplash)
एक सिक्योरिटी ब्लॉग में दावा किया गया है कि गूगल यूजर्स की मर्जी के बिना उनके प्राइवेट ईमेल्स को एक्सेस कर रहा है. वहीं कंपनी का कहना है कि जीमेल का स्मार्ट फीचर सालों से मौजूद है और उन्होंने सेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है. (Photo: Unsplash)
ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब Malwarebytes ने एक जांच को पब्लिश किया, जिसमें दावा किया गया है कि गूगल लोगों के प्राइवेट मैसेज और अटैचमेंट को एनालाइज कर रहा है, जिससे स्मार्ट कंपोज और स्मार्ट रिप्लाई जैसे AI टूल्स को बेहतर किया जा सके. (Photo: Unsplash)
सोशल मीडिया पर यूजर्स इस बात की चिंता जाहिर कर रहे हैं कि उनके जीमेल में स्मार्ट फीचर डिफॉल्ट रूप से ऑन है. इससे यूजर्स अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं और कई लोगों ने इस फीचर को तुरंत बंद कर दिया है. (Photo: Unsplash)
अब सवाल है कि ये स्मार्ट फीचर्स क्या हैं. ये वहीं टूल्स हैं, जिनका इस्तेमाल जीमेल यूजर्स सालों से करते आ रहे हैं. यहां स्पेलिंग चेक, प्रीडेक्टिव टेक्स्ट, ऑटोमेटिक पैकेज ट्रेनिंग और कैलेंडर इंटीग्रेशन जैसे टूल्स को लेकर सवाल उठ रहे हैं. (Photo: Unsplash)
ये फीचर्स आपके मेल के कंटेंट का इस्तेमाल वर्कस्पेस में पर्सनलाइज एक्सपीरियंस देने के लिए करते हैं. गूगल का कहना है कि पर्सनलाइजेशन Gemini के ट्रेनिंग डेटा से अलग है. हालांकि, स्मार्ट फीचर्स आपके ईमेल को एनालाइज करके क्विक रिप्लाई जैसी सुविधा देते हैं. (Photo: Unsplash)
इस जानकारी के सामने आने के बाद 11 नवंबर को कंपनी के खिलाफ एक लॉसूट फाइल किया गया है. वहीं कुछ यूजर्स का आरोप है कि उन्होंने जीमेल के स्मार्ट फीचर को बंद कर दिया था, जो रहस्यमय तरीके वापस ऑन हो गया है. (Photo: Unsplash)