WWW के 30 साल, इन्वेंटर ने बताए इंटरनेट के 3 बड़े खतरे

WWW (वर्ल्ड वाइब बेब) का इजाद सर टिम बर्नर्स ली ने किया था. 30 साल हो चुके हैं और इस मौके पर उन्होंने खुद इंटरनेट के डार्क साइड के बारे में बताया है. उन्होंने विज्ञापन बेस्ड मॉडल को इंटरनेट के लिए गंभीर बताया है.

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सर टिम बर्नर्स ली सर टिम बर्नर्स ली

मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

आज से 30 साल पहले वर्ल्ड वाइड वेब यानी WWW की शुरुआत हुई थी. सर टिम बर्नर्स ली ने वेब को इन्वेंट किया और पहला वेब क्लाइंट सर्वर और सर्वर तैयार किया. टिम ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है.

ये फैक्ट शायद आप सब को पता होगा कि सर टिम बर्नर्स ने वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत की थी, लेकिन अब उन्होंने ही इंटरनेट के बारे में कुछ ऐसी बात की हैं जिससे आप हैरान हो सकते हैं. इंटरनेट के गलत यूज और डेटा चोरी की बात की है. इसे आप Dynamite की तरह ले सकते हैं, अलफ्रेड नोबेल ने Dynamite का आविष्कार किया, लेकिन इसकी वजह माइनिंग थी. हालांकि अब डाइनामइट का गलत इस्तेमाल भारी मात्रा में किया जाता है. ठीक वैसे ही वर्ल्ड वाइड वेब यानी इंटरनेट है.

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सर टिम ने कहा है कि कैंब्रिज अनालिटिका स्कैंडल के बाद लोगों को ये रियलाइज हो गया है कि उनका डेटा किस तरह मैनुप्यूलेट किया जा सकता है. हालांकि उनका ये भी मानना है कि हैकिंग, डेटा ब्रीच और गलत जानकारियों से लड़ा जा सकता है और इसे ठीक भी किया जा सकता है. 

12 मार्च 1989 को सर टिम बर्नर्स ली ने WWW को इनफॉर्मेशन मैनेजमेंट के नाम से सबमिट किया था, इसी को WWW का शुरुआत माना जाता है. गूगल ने 30 साल सेलेब्रेट करने के लिए खास डूडल भी बनाया है. टिम ने एक ब्रिटिश वैज्ञानिक हैं और इन्होंने ही पहली वेबसाइट भी डिजाइन की थी. 20 दिसंबर 1990 को NeXT कंप्यूटर पर इन्होंने दुनिया की पहली वेबसाइट लाइव की थी. हालांकि इसे अगस्त 1991 में आम लोगों के ले लाइव किया गया.

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WWW के वेब डिजाइनर टिम बर्नर्स ली ने सोमवार को कहा है, ‘हाल के दिनों में इंटरनेट यूजर्स के लिए ये ज्यादा अच्छा नहीं रहा है, लकिन भी ज्यादा देर नहीं हुई है’. उन्होंने यह भी कह है कि ट्रंप और ब्रेग्जिट इलेक्शन्स के बाद लोग अचानक से हौरान हो गए, उन्हें लगा कि ये वेब जिन्हें वो अच्छा समझ रहे थे असल में ये मानवता को अच्छे ढंग से सर्व नहीं कर रहा है.

यह बात उन्होंने उसी सेंटर के पास कही है जहां उन्होंने वेब का आविष्कार किया था. जेनेवा के CERN, फिजिक्स रिसर्च सेंटर के पास उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान ये बाते कही हैं.

इंटर नेट के 30 साल के मौके पर सर टिम ने एक ओपन लेटर जारी किय है. इसमें उन्हंने बताया है कि कैसे इंटरनेट ने दुनिया बदली है और बेहतर वेब बनाने के लिए जो मानवका के लिए हो क्या करना होगा. 

सर टिम बर्नर्स ली ने ये सोर्स बताए हैं जो वेब को प्रभावित कर रहे हैं

1 स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकिंग और अटैक्स, क्रिमिनल बिहेवियर और ऑमलाइन हैरेसमेंट

2 ऐसे सिस्टम डिजाइन जो यूजर्स की वैल्यू की कद्र नहीं करता. उदाहरण के तौर पर विज्ञापन बेस्ड रेवेन्यू मॉडल जो क्लिकबेट पर काम करता है और गलत जानकारियां फैलाता है.

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सर टिम बर्नर्स ली द्वारा लिखे गए इस ओपन लेटर से बातें निकल कर आती हैं कि इंटरनेट के लिए और मानवता के लिए विज्ञापन आधारित मॉडल सही नहीं हैं. आपको बता दें कि फेसबुक और गूगल एक तरह से विज्ञापन आधारित मॉडल पर काम करते हैं. सीधे तौर पर टिम बर्नर्स ली ने किसी खास कंपनी को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन उन्हें जो कहना था वो साफ है.

आप इस लिंक पर क्लिक करके पूरा लेटर पढ़ सकते हैं जो उन्होंने इंटरनेट के 30 साल होने के मौके पर लिखा है.

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