इस सदी के आखिर तक फेसबुक पर जीवित से ज्यादा होंगे मृत के प्रोफाइल : रिसर्च

इस सदी के आखिर तक फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा वर्चुअल ग्रेवयार्ड बन जाएगा और इसमें जीवित से ज्यादा मृत के प्रोफाइल्स होंगे. एक रिसर्च में यह दावा किया गया है.

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2098 तक फेसबुक बनेगा सबसे बड़ा वर्चुअल ग्रेवयार्ड! 2098 तक फेसबुक बनेगा सबसे बड़ा वर्चुअल ग्रेवयार्ड!

मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट इस सदी के आखिर तक दुनिया का सबसे बड़ा वर्चुअल ग्रेवयार्ड बन जाएगा और इसमें जीवित से ज्यादा मृत की प्रोफाइल होगी. ऐसा दावा है अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी के एक पीएचडी रिसर्चर का.

एमआईटी यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर हैशेम सादिकी ने कहा है, 'सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक के दुनिया भर में फिलहाल 1.5 बिलियन यूजर्स हैं और यह 2098 तक दुनिया का सबसे बड़ा वर्चुअल कब्रिस्तान होगा'. उन्होंने यह भी कहा है कि यूजर की मौत होने के बाद उसका एकाउंट कोई डिलीट नहीं कर सकता.

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रिपोर्ट के मुताबिक इसकी वजह यह है कि फेसबुक मृत यूजर्स के प्रोफाइल डिलीट करने की बजाए उसे मेमोरियलाइज्ड वर्जन में तब्दील कर देता है. एक ब्लॉगिंग फर्म डिजिटल बियोन्ड ने दावा किया है कि दुनिया भर के लगभग 9.70 लाख फेसबुक यूजर्स की मृत्यु इस साल होगी. जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2010 में 3.85 लाख और 2012 में 5.80 लाख फेसबुक यूजर्स की मृत्यु हुई.

मृत यूजर्स के लिए फेसबुक की पॉलिसी हमेशा से सवालों के घेरे में रही है, क्योंकि कई फैमिली ने अपने रिश्तेदारों के एकाउंट डिलीट करने की मांग करते आए हैं. कई बार फेसबुक न्यूज फीड में उन लोगों को भी बर्थडे विश करने को कहा जाता है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं

फेसबुक ने इसके लिए लेगेसी कॉन्टैक्ट का फीचर दिया है जिसमें कुछ मैसेज लिख कर सेव किया जा सकता है. यूजर की मृत्यु होने पर इसे फेसबुक पर पोस्ट किया जाता है. इसके लिए फेसबुक यूजर अपने कुछ फेसबुक फ्रेंड्स को को अप्वाइंट कर सकता है ताकि वो यूजर की मृत्यु पर उसके एकाउंट में कुछ बदलाव कर सकें. हालांकि इसके तहत भी कोई उनका एकाउंट डिलीट नहीं कर सकता है.

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