नसबंदी कराने वाली औरतों को दी गई थी चूहे मारने की दवा, राहुल गांधी ने बताया भ्रष्टाचार का मामला

नसबंदी कैंप में महिलाओं को दी गई दवा में जिंक फॉस्फाइड के अंश पाए गए हैं . यह केमिकल चूहे मारने वाली दवा में पाए जाते हैं. प्राथमिक जांच के आधार पर प्रधान स्वास्थ सचिव आलोक शुक्ला ने यह खुलासा किया है.

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अस्पताल में भर्ती नसबंदी कांड की पीड़ित महिलाएं अस्पताल में भर्ती नसबंदी कांड की पीड़ित महिलाएं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 8:16 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी कैंप में हुई महिलाओं की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि महिलाओं को दी गई दवा में जिंक फॉस्फाइड के अंश पाए गए हैं . यह केमिकल चूहे मारने वाली दवा में पाए जाते हैं. राज्य के प्रधान स्वास्थ सचिव आलोक शुक्ला ने शुरुआती जांच के आधार पर यह जानकारी दी है.

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वहीं बिलासपुर के सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती सात महिलाओं की हालत बिगड़ गई है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. अनीता झा की अध्यक्षता में मामले की न्यायिक जांच होगी .

मामले को दबाने की कोशिश: राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नसबंदी कांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. राज्य की रमन सिंह सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला केवल लापरवाही का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का भी है. राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दवाओं को जलाया जा रहा है.

बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के पेंडारी गांव में लगे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद अब तक 14 महिलाओं की मौत हो गई है. घटना में 58 महिलाओं की हालत बिगड़ गई थी.

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महज 6 घंटे के अंदर बिलासपुर में लगे नसबंदी कैंपों में 83 महिलाओं का संक्रमित औजारों से ऑपरेशन किया गया. बिलासपुर पहुंची एम्स के डॉक्टरों की टीम ने भी जांच में पाया है कि ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की किडनी फेल हो गई थी.

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