योगी सरकार ने 1200 करोड़ के कब्रिस्तान घेरेबंदी स्कैम की जांच को कमेटी बनाई

मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के बाद सरकार CBI जांच का फैसला ले सकती है. अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रज़ा ने साफ संकेत दिए कि आज़म खान भी इस जांच की जद में आएंगे.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 18 जून 2017,
  • अपडेटेड 10:31 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड के बाद अब कब्रिस्तान की घेरेबंदी में भ्रष्टाचार पर अपनी नजरें टेढ़ी कर दी है. पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में कब्रिस्तानों की घेरेबंदी पर हुए बेहिसाब खर्च को लेकर अल्पसंख्यक मंत्रालय ने विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं. यह जांच एक सीनियर आईएएस के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी करेगी और अल्पसंख्यक मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.

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मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के बाद सरकार CBI जांच का फैसला ले सकती है. अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रज़ा ने साफ संकेत दिए कि आज़म खान भी इस जांच की जद में आएंगे. आजतक से बात करते हुए रजा ने न सिर्फ आजम खान पर कब्रिस्तान की घेरेबंदी पर हुए भ्रष्टाचार को लेकर उंगली उठाई है, बल्कि सीबीआई की जांच तक का इशारा कर दिया. सरकार के सामने यह सवाल है कि कब्रिस्तान की घेरेबंदी में खर्च किए गए 1200 करोड़ रुपये आखिर कहां लगे?

मोहसिन रज़ा ने बताया कि योगी सरकार ने कब्रिस्तानों की घेरेबंदी की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. कब्रिस्तानों की घेरेबंदी को लेकर शिकायतें मिलने के बाद विभागीय जांच के आदेश दिए गए. इसमें कब्रिस्तान के नाम पर लोगों की जमीने कब्जा करने की शिकायतें हैं. कई जगह अवैध घेरेबंदी और कब्रिस्तान बताकर कब्जा करने की शिकायतें भी मिली हैं.

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रजा का कहना है कि सरकार के सामने य ह बड़ा सवाल है कि कब्रिस्तान की घेरेबंदी में खर्च किए गए 1,200 करोड़ रुपये आखिर कहां लगे? उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग में अगर गड़बड़ी हुई है, तो उनकी जवाबदेही तय होगी. मंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते, जो मंत्री थे, उनकी जबाबदेही तय होगी. उन्होंने बताया कि कब्रिस्तानों की गुणवत्ता को लेकर भी शिकायत मिली है. फिलहाल विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. अगर जरूरत पड़ी, तो बड़ी जांच (CBI) की तरफ भी बढ़ेंगे.

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