मुंबई बम धमाकों के दोषी सलेम के गांव में पसरा सन्नाटा

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मीर सराय गांव में सन्नाटा पसरा है. यह सन्नाटा अबू सलेम के भाग्य को लेकर है. 1993 के मुंबई बम धमाके के आरोपी सलेम पर आज विशेष टाडा अदालत सुनवाई कर रही है. विशेष टाडा अदालत ने आज उसपर आरोप तय कर दिए हैं, लेकिन सजा सुनाने के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया गया है

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अबू सलेम पर दोष तय अबू सलेम पर दोष तय

संदीप कुमार सिंह / शिवपूजन झा

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मीरसराय गांव में सन्नाटा पसरा है. यह सन्नाटा अबू सलेम के भाग्य को लेकर है. 1993 के मुंबई बम धमाके के आरोपी सलेम पर आज विशेष टाडा अदालत सुनवाई कर रही है. विशेष टाडा अदालत ने उस पर आरोप तय कर दिए हैं, लेकिन सजा सुनाने के लिए सोमवार का दिन तय किया गया है. ऐसे में आज तक के संवाददाता ने सलेम के गांव जाकर वहां के लोगों से इसे लेकर बात की.

परिवारवालों ने नहीं कि बात
अबू सलेम का घर बिल्कुल विरान सा था. रिपोर्टर ने घर का दरवाजा खट-खटाया. घर के अंदर से एक लड़की आई, जो कि बहुत भयभीत दिख रही थी. उसने कहा कि घर के अंदर कोई नहीं है. कहा कि घर का कोई शख्स प्रेस से बात करना नहीं चाहता. उसके घर के पास ही एक मस्जिद है, जहां थोड़ा कोलाहल दिख रहा था. लोग उस वक्त नमाज के लिए इक्कठा हो रहें थें.

नमाज खत्म होने के बाद आज तक की टीम पर लोग शक भरी नजरों से देखने लगें. जब वे वहां पहुंचे तो लोगों ने एक स्वर में बोला की अबू सलेम निर्दोष है. लोगों का कहना था कि उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. किसी को भी खबर नहीं थी कि सलेम पुर्तगाल कैसे पहुंच गया. जिसके बाद उसे भारत लाया गया था.

इलाके में सलेम के खिलाफ एक भी केस नहीं
अबू सलेम के एक पड़ोसी मोहम्मद आसिफ का कहना था कि 'अबू सलेम निर्दोष है. उसके खिलाफ साजिश हुई है. हम बस इस बात कि उम्मीद कर रहे हैं कि किसी दिन बस सच सामने आ जाए.'  वहीं एक दूसरे पड़ोसी अबू उबैद का कहना था कि 'इस पूरे इलाके में अबू सलेम के खिलाफ एक भी केस नहीं है. आप जाकर पुलिस स्टेशन से पूछ लिजिए. इस इलाके में हिंदू और मुस्लिम साथ-साथ रहते हैं और अभी तक एक भी दंगा नहीं हुआ है. मैं मानता हूं कि उसके खिलाफ साजिश हुई है.'

सबकी मदद के लिए रहता था तैयार
अबू सलेम के परिवार के लोगों ने प्रेस से बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. परिवारवालों में इस पूरे मामले पर बस एक उदासीन शांति दिखी. वहीं सलेम के पड़ोसी इस पुरे मुद्दे पर उसके और उसके परिवार वालों के साथ दिखें. मुंबई जाकर अबू सलेम क्या करता था, इस बारे में ज्यादतर लोगों को कुछ भी पता नहीं है. सलेम को लोग तरह-तरह का काम कर सकने वाला और सबकी मदद के लिए तौयार रहने वाले इंसान के रूप में जानते हैं.

अबू सलेम के खिलाफ हुए जांच और सबूतों पर कई युवायों ने सवाल उठाया. उन लोगों ने इस ओर इशारा किया कि किसी पर इल्जाम लगाना और उसके खिलाफ सबूत इक्कठा करना पुलिस के लिए बहुत आसान है. मोहम्मद उबर ने इस बात के भी संकेत दिए है कि अगर परिवार के लोग उच्च न्यायलयों में जाने के लिए राजी होते हैं तो पड़ोस के लोग उनके साथ खड़े रहेंगे.

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