शिक्षक भर्ती घोटाला: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

यूपी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. यूपी सरकार ने अपनी पुनर्विचार अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से 69000 पदों पर मेरिट लिस्ट के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की सहमति देने की अर्जी की है.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2020,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने 37339 पदों को होल्ड कर दिया था
  • यूपी सरकार ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में घोटाला सामने आया था. इसके बाद शिक्षा मित्रों ने इस घोटाले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यूपी सरकार से फिलहाल इन पदों पर भर्ती को होल्ड करने के लिए कहा था.

Advertisement

यूपी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. यूपी सरकार ने अपनी पुनर्विचार अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से 69000 पदों पर मेरिट लिस्ट के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की सहमति देने की अर्जी की है.

यूपीः 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती में एकल पीठ के आदेश पर रोक

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यूपी सरकार से जानकारी मांगी थी कि 40/45 के कटऑफ पर कितने शिक्षामित्र पास हुए हैं. जबकि उस समय प्रदेश सरकार ने 60/65 के कटऑफ पर 8018 शिक्षामित्रों के प्रतियोगिता में पास होने की जानकारी दी थी, लेकिन शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म भरा था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65% के साथ पास हुए. लेकिन इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए. इसलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया जाए.

Advertisement

भर्ती घोटाले पर कोर्ट ने मांगा था जवाब

उधर 69000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा में पेपर लीक और बड़ी धनराशि लेकर परीक्षा में कदाचार से पास कराने के कई मामले उजागर हुए हैं. कई FIR भी दर्ज हुईं और आधा दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार भी हुए.

पुणे: लॉकडाउन में महिला टीचर का देसी जुगाड़, ट्राइपॉड की जगह हैंगर, वीडियो वायरल

अभ्यर्थियों की गुहार है कि 150 में से 135 नंबर से ज्यादा पाए अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा या जांच की जाए. क्योंकि इन पर आरोप है कि अधिकतर लोग पेपर लीक या फिर रिश्वत देकर कदाचार से पास हुए हैं. परीक्षा और भर्ती नियुक्ति के मानदंडों को लेकर भी आरक्षित, अनारक्षित और दिव्यांग वर्ग के अभ्यर्थियों में जबरदस्त असंतोष है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement