'पहली परीक्षा' में पास हुए सीएम योगी, काम आई जीतोड़ मेहनत

बीजेपी के लिए न सिर्फ सीएम योगी बल्कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत तमाम मंत्रियों ने ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां की. वहीं अन्य पार्टियों की बात करें तो समाजवादी पार्टी की तरफ से सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस की तरफ से राजबब्बर ही प्रचार करते नजर आए.

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अयोध्या से शुरू किया था चुनावी अभियान अयोध्या से शुरू किया था चुनावी अभियान

अनुग्रह मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:14 PM IST

उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए पहली अग्निपरीक्षा माना जा रहा था. यही वजह है कि सीएम योगी ने निकाय चुनाव में बीजेपी के प्रचार के लिए 16 जिले में 40 से ज्यादा रैलियां की हैं. योगी ने 14 नवंबर को अयोध्या से अपने चुनाव अभियान की शुरूआत की थी और तीसरे और आखिरी चरण तक के प्रचार में बीजेपी के लिए वोट मांगे थे.

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सीएम योगी ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए छोटे-बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी बीजेपी के लिए प्रचार किया. अयोध्या से शुरू होकर सीएम योगी ने कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, चन्दौली,  महराजगंज, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, झांसी, फतेहपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर जिले में बीजेपी के चुनावी प्रचार किया. योगी ने एक दिन में 4-4 रैलियों को भी संबोधित किया.

मंत्रियों ने भी झोंकी ताकत

बीजेपी के लिए न सिर्फ सीएम योगी बल्कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत तमाम मंत्रियों ने ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां की. वहीं अन्य पार्टियों की बात करें तो समाजवादी पार्टी की तरफ से सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस की तरफ से राजबब्बर ही प्रचार करते नजर आए. पूर्व सीएम और बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक भी चुनावी रैली नहीं की.

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साधु-संतो की शरण में योगी

योगी ने अयोध्या से प्रचार अभियान की शुरुवात करते हुए साधु-संतों से बीजेपी को समर्थन देने की अपील की थी. उन्होंने पिछले सरकारों पर अयोध्या की छवि धूमिक करने का आरोप भी लगाया. सीएम ने कहा था कि अगर प्रदेश और अयोध्या का विकास चाहते हैं तो निकाय चुनाव में भी बीजेपी को मजबूती देना जरूरी है.

उत्तर प्रदेश में इस चुनाव में नगर निगम की 16, नगर पालिका की 198 और नगर पंचायतों की 438 सीटें हैं. 2012 चुनावों में बीजेपी नगर निगम की 12 में से 10 सीटें जीत कर सबसे आगे थी. इस बार नगर निगमों की संख्या बढ़ाकर 16 कर दी गई है.

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