स्कूल में योग सिखाने से नहीं होता धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन: US कोर्ट

अमेरिका की एक कोर्ट ने कहा कि कैलिफोर्निया के स्कूल में योग सिखाए जाने से हिंदुत्व का समर्थन नहीं हो रहा है और न ही छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होता है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

अमेरिका की एक कोर्ट ने कहा कि कैलिफोर्निया के स्कूल में योग सिखाए जाने से हिंदुत्व का समर्थन नहीं हो रहा है और न ही छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होता है.

सैन डियागो की तीन सदस्यीय अपीलीय कोर्ट ने छात्रों के माता-पिता की ओर से दायर एक मुकदमे पर शुक्रवार को सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. उन्होंने शिकायत की थी कि अष्टांग योग की शिक्षा देकर एनसिनिटास जिले के एक स्कूल में हिंदू और बौद्ध मत को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. अष्टांग योग को प्रोत्साहन देने वाले एक गैर लाभकारी समूह से तीन साल का अनुदान मिला है. इसके तहत जिले के 5600 छात्रों को 30 मिनट तक सप्ताह में दो बार योग सिखाया जाता है.

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छात्रों के माता-पिता ने दलील दी थी कि स्कूल का योग कार्यक्रम आध्यात्मिक है और इसलिए असंवैधानिक है. कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, कोर्ट को यह निर्धारित करना है कि स्कूल का योग कार्यक्रम शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम का घटक है या कैलिफोर्निया के संविधान का उल्लंघन करके धर्म की अस्वीकार्य स्थापना करता है.

निचली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सैन डियागो की कोर्ट ने कहा कि किसी संदर्भ में योग की शिक्षा देना धार्मिक हो सकता है लेकिन जिले में जो योग सिखाया जा रहा है, जैसा निचली अदालत ने निर्धारित किया है कि वह किसी धार्मिक या आध्यात्मिक जाल से मुक्त है.

इनपुट भाषा

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