वित्त मंत्री का जवाब- कांग्रेस सरकार ने लिया 31% टैक्स, अब 18% में दिक्कत क्यों?

लोकसभा में बजट पर चर्चा का आज दूसरा दिन है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में बजट चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार आने के बाद अर्थव्यवस्था ने लगातार बढ़ोतरी हासिल की और हमने वित्तीय घाटे को लगातार कम करने का काम किया है.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली

अनुग्रह मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

लोकसभा में बजट पर चर्चा का आज दूसरा दिन है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में बजट चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार आने के बाद अर्थव्यवस्था ने लगातार बढ़ोतरी हासिल की और हमने वित्तीय घाटे को लगातार कम करने का काम किया है. वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट चर्चा के दौरान संबोधन देने वाले 36 सांसदों का भी आभार जताया.वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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आधार पर कांग्रेस को घेरा

बजट चर्चा पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सदन में विरोध कर रहे टीडीपी सांसदों से कहा कि वो धैर्य रखें, सदन में उनकी मांगों पर भी जवाब दिया जाएगा. आधार पर बोलेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस बिना किसी कानून के आधार लेकर आई थी लेकिन हमारी सरकार ने इसमें प्राइवेसी का प्रावधान जोड़कर इसे मजबूती दी है. जेटली ने कहा कि जब कांग्रेस ने आधार का विचार शुरू किया तो क्यों आज वह आधार के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहा है.

अरुण जेटली सदन में कहा कि हमारी सरकार ने चार साल से वित्तीय अनुशासन का पालन किया है और आने वाले वर्षों में भी करते रहेंगे. सभी बड़े आर्थिक सुधारों को करने के बाद भी कोर सेक्टर ग्रोथ, डिमांड, इंडस्ट्रियल डेटा, एक्सपोर्ट डेटा में अब सुधार आना शुरू हो चुका है.

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वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार देश में जीएसटी लाने की कवायद कर रही थी और वह ला नहीं पाई. अब जब हमारी सरकार उसे लाने में सफल हुई है तो कांग्रेस उसके विरोध में खड़ी है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकाल के दौर में 31 फीसदी टैक्स लेती थी और अब 18 फीसदी के नीचे लाने की दलील दे रही है.

GST पर नहीं की जल्दबाजी

एक उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सिंगापुर में खाने पर भी 7 फीसदी जीएसटी और मर्सिडीज गाड़ी पर भी 7 फीसदी जीएसटी है. लेकिन क्या हिंदुस्तान में भी ऐसा किया जा सकता है? वहीं जीएसटी को लाने में जल्दबाजी दिखाने पर जेटली ने कहा कि बंगाल और त्रिणमूल कांग्रेस हमेशा जीएसटी के पक्ष में थी. इस सदन ने जीएसटी को पास किया और 16 सितंबर 2016 को संविधान संशोधन के तहत इसे पास किया गया और पुराने टैक्स ढांचे को महज एक साल तक चलाया जा सकता था. लिहाजा, संविधान द्वारा बताए गई समय सीमा में ही केन्द्र सरकार ने इसे लागू किया है. इसलिए विपक्ष द्वारा जल्दबाजी के आरोप का कोई मतलब नहीं है.

बजट पर चर्चा का दूसरा दिन

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोइली ने सदन में बजट पर चर्चा की शुरुआत की. मोइली ने निवेश, बैंकिग प्रणाली जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस से अलग सत्ताधारी दलों के सांसदों ने बजट की तारीफ करते हुए इसे जनता के लिए कल्याणकारी बताया था.  

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गुरुवार को लोकसभा में प्रश्न काल शुरू होते ही टीडीपी सांसदों बजट में आंध्र प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगाते हुए वेल में आकर जोरदार हंगामा किया. सांसदों के हंगामे से आसन के नीचे बैठे सचिवालय के स्टाफ के काम में बाधा आनी लगी और उनकी मेज पर रखे दस्तावेज इधर-उधर जा गिरे. इसपर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी और सदन को 11.45 तक स्थगित कर दिया.

टीडीपी सांसदों का हंगामा

लोकसभा स्पीकर टीडीपी सांसदों के हंगामे से इतनी नाराज थीं कि उन्होंने सासदों पर कार्रवाई करने तक की चेतावनी दे दी. बावजूद इसके टीडीपी सांसद 'वी वॉन्ट जस्टिस' के नारे और पीली रंग की कार्ड लेकर वेल में नारेबाजी करते रहे. फिर से सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद भी टीडीपी सांसदों का हंगामा जारी है.

बता दें कि टीडीपी केंद्र में बीजेपी की सहयोगी है. बावजूद इसके पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत पार्टी के सांसद केंद्र सरकार के बजट पर खुले तौर पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. पार्टी का आरोप है कि बजट में आंध्र प्रदेश के लिए कोई नई योजनाएं नहीं दी गई हैं साथ ही राजस्व की चुनौतियों से जूझ रहे आंध्र को आर्थिक सहायता नहीं प्रदान की गई है. ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि टीडीपी 2019 तक एनडीए से अलग हो सकती है.

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बजट पर जारी है चर्चा

सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही लोकसभा में बजट पर चर्चा शुरू की गई. इस दौरान टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने इसे उम्मीद का बजट बताया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की ओर से लागू की कई योजनाओं की तर्ज पर केंद्रीय बजट में लागू योजनाओं का स्वागत किया. त्रिवेदी ने अपने संबोधन के दौरान बजट में पेयजल जैसे मूलभूत व्यवस्थाओं की अनदेखी का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने रेल बजट के दरकिनार कर रेलवे की अनदेखी का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि रेलवे को मजबूती दिए बिना महंगाई पर नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा.

टीएमसी के बाद शिवसेना और AIADMK सांसदों ने भी बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया. तमिलमाडु से सांसद जे जयवर्धन अपने राज्य के लिए और ज्यादा योजनाओं की मांग की है. शुक्रवार को इस बजट सत्र की आखिरी बैठक होनी है.

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