सुप्रीम कोर्ट ने कमर्शियल सेरोगेसी पर सुनवाई से पहले सरकारी दलील अखबार में लीक होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट की फटकार के बाद सॉलिसीटर जनरल ने माफी मांगी है, वहीं कोर्ट कहा कि ये सब आपके गिल्टी माइंड की वजह से हुआ है.
बुधवार को कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'हम ये नहीं कह रहे कि मीडिया से बात मत करो. लेकिन सरकार सेरोगेसी पर क्या दलील देगी ये कोर्ट में बताने से पहले अखबार में कैसे चल गया. ये सब आपके गिल्टी माइंड की वजह से है.'
कोर्ट ने कहा कि सरकार अब मामले में हलफनामा दाखिल करे, जिसके बाद 24 नवंबर को सुनवाई होगी. बताया जाता है कि अखबार में लीक खबर मंत्रालय से आई. गौरतलब है कि कमर्शियल सेरोगेसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई चल रही है. केंद्र सरकार चाहती है कि विदेशी लोगों को सेरोगेसी की इजाजत नहीं मिले और इसी मामले में दलील कोर्ट की बजाय पहले अखबार तक पहुंच गई.
क्या चाहती है सरकार
सरकार की चली तो एनआरआई, पीआईओ और विदेशियों के लिए भारत में सेरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने पर रोक लग सकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिश पर सहमति जताई है. सेरोगेसी से संबंधित मुद्दे के साथ निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने विधेयक का मसौदा तैयार किया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने तलाकशुदा और विधवा सहित एकल जीवन जीने वाली महिलाओं को ही सेरोगेट मां बनने की अनुमति देने वाला वैधानिक प्रावधान तैयार करने का सुझाव दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आयोग के सुझाव पर सहमति जताई. आयोग ने इसके लिए एक नियामक निकाय के गठन की भी सिफारिश की है.
स्वपनल सोनल / अहमद अजीम