जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर शनिवार सुबह हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हुए. रविवार को सेना ने इस ऑपरेशन को समाप्त कर दिया, इस ऑपरेशन में कुल चार आतंकियों को ढेर किया गया. आतंकियों ने सुबह-सुबह हमला कर दिया था.
इस हमले में 50 वर्षीय सूबेदार मदन लाल चौधरी ने भी शहादत दी. सीने में गोली लगने के बाद भी मदन लाल अकेले ही आतंकियों से भिड़ गए और अपनी अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ते रहे. मदन लाल ने अपनी जान तो गंवाई लेकिन उन्होंने आतंकियों को परिवारों की तरफ नहीं आने दिया.
आतंकियों की गोलीबारी में सूबेदार मदनलाल चौधरी घायल हुए थे. उन्हें एके-47 से मारी गई गोली लगी थी. आतंकियों ने सेना के फैमिली क्वार्टर पर हमला किया था, उस दौरान मदनलाल का परिवार भी वहीं था. सूबेदार का परिवार अपने किसी रिश्तेदार की शादी के लिए सामान की खरीदारी करने आया था.
उनकी शहादत के बाद उनके भाई सुरिंदर चौधरी ने कहा कि आतंकियों से लड़ते हुए उन्होंने अपनी जान गंवा दी, फिर भी अपने परिवार और दूसरों लोगों को बचा लिया. उन्होंने बताया कि जिस दौरान आतंकियों ने हमला बोला तो मदनलाल ने सबसे पहले पीछे के गेट से परिवार वालों को सुरक्षित निकाला और उसके बाद खुद ही आतंकियों से दो-दो हाथ करने लगे.
गोलीबारी में मदनलाल चौधरी की 20 वर्षीय बेटी नेहा के पैर में गोली लगी, उनके अलावा परिवार के कुछ सदस्यों को मामूली चोट भी आई. लेकिन, किसी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. सुरिंदर चौधरी ने कहा कि हमें अपने भाई पर गर्व है, जिन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी. और आतंकियों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया.
आपको बता दें कि इस हमले में कुल 5 जवान शहीद हुए हैं, जिनमें दो जेसीओ भी शामिल हैं. इनके अलावा एक जवान के पिता की भी इस हमले में मौत हुई है और कुछ लोग घायल भी हुए. सेना ने सभी चार आतंकियों को मार गिराया, उनकी लाश के पास से जैश के झंडे मिले थे. हालांकि, सेना अभी भी क्लियर ऑपरेशन चला रही है, जो सोमवार को खत्म होगा.
मोहित ग्रोवर