पापा सपोर्ट नहीं करते इसलिए फांसी लगाकर दे दी जान

लखनऊ में एक अधिकारी के पुत्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मरने से पहले लिखे एक सुसाइड नोट में उसने अपने पिता को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया.

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पुलिस मामले की छानबीन कर रही है पुलिस मामले की छानबीन कर रही है

परवेज़ सागर

  • लखनऊ,
  • 11 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मरने से पहले लिखे एक सुसाइड नोट में छात्र ने अपने पिता के खराब बर्ताव को इस कदम के लिए जिम्मेदार बताया. जबकि उसके साथियों ने इसकी वजह उसका परीक्षा में फेल हो जाना बताया.

मामला लखनऊ के विभूतिखंड थानाक्षेत्र का है. जहां मंडी परिषद आवासीय कालोनी में रहने वाले इंद्र प्रसाद गोरखपुर में मंडी परिषद में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं. उनका 18 वर्षीय बेटा सागर कुमार एमिटी कॉलेज में 11वीं कक्षा का छात्र था. वो काफी मिलनसार और हंसमुख नौजवान था.

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गुरुवार की देर शाम सागर ने अपने घर में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घरवाले उसके कमरे का ये मंजर देखकर खौफजदा हो गए. उन्होंने फौरन इस बात की सूचना पुलिस को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

पुलिस ने जब उसके कमरे की छानबीन की तो मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ. जिस में सागर ने लिखा कि मेरे पापा ने मुझे कभी सपोर्ट नहीं किया. उन्होंने फैमिली रिलेशन पर कभी ध्यान नहीं दिया. सागर ने लिखा कि पापा ने कहा था कि अगर उनका एक बेटा काम हो गया तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिस फैमिली में ट्रस्ट और सपोर्ट न हो वो फैमिली बेकार है.

इसके बाद सागर ने आत्महत्या कर ली. विभूतिखंड के थाना प्रभारी सतेंद्र कुमार राय ने बताया है कि जो सुसाइड नोट छात्र के कमरे से मिला है. उसमें मृतक ने अपने पिता के बारे में कुछ बातें लिखी हैं. जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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उधर, सागर के साथ पढ़ने वाले दूसरे सहपाठियों का कहना है कि इस बार वह कक्षा में फेल हो गया था. जिसके चलते उसने यह कदम उठाया है. फिलहाल, अभी पुलिस साफतौर पर कुछ कहने के बजाय मामले की जांच में जुटी है.

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