मुंबई: सिद्धिविनायक मंदिर में श्रद्धालु ने दान किया 35 किलो सोना

सिद्धिविनायक मंदिर को 35 किलोग्राम सोने का दान मिला है. मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है. जिसने भी मंदिर को 35 किलो सोना दान में दिया, उसे इसे खरीदने के लिए करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े होंगे.

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सिद्धिविनायक मंदिर को 35 किलोग्राम सोने का दान मिला (फोटो-विद्या) सिद्धिविनायक मंदिर को 35 किलोग्राम सोने का दान मिला (फोटो-विद्या)

विद्या

  • मुंबई,
  • 20 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

  • एक हफ्ता पहले दान सोने की कीमत 14 करोड़ रुपये
  • मंदिर के दरवाजे और छत पर की गई गोल्ड प्लेटिंग
सिद्धिविनायक मंदिर को 35 किलोग्राम सोने का दान मिला है. मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है. जिसने भी मंदिर को 35 किलो सोना दान में दिया, उसे इसे खरीदने के लिए करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े होंगे.

मंदिर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ये दान पिछले हफ्ते मिला. सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा को हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है. अधिकतर ये दान नकदी में होता है. कुछ श्रद्धालु सोना, चांदी और अन्य कीमती रत्न भी दान में चढ़ाते हैं.  

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सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के चेयरपर्सन आदेश बांडेकर ने कहा, ‘ये 35 किलो सोना एक श्रद्धालु ने दान दिया. इस सोने का इस्तेमाल मंदिर का दरवाजा और छत बनाने में किया गया.’

हालांकि मंदिर से जुड़े लोगों ने 35 किलो सोना दान देने वाले श्रद्धालु की पहचान बताने से इनकार किया.  

सोने की छत से झूलता बड़ा झाड़ फानूस देखना और सोने के दरवाजे से निकल कर सिद्धिविनायक का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए अलग तरह का ही अनुभव है. पहले मंदिर के दरवाजे लकड़ी के थे और उन पर चमकीला पेंट किया गया था. छत भी पहले ऐसी ही थी.  

जितना भी सोना दान में मिला, मंदिर में उसका इस्तेमाल किया गया. 15 जनवरी से 19 जनवरी तक वार्षिक निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक मंदिर बंद रहा, उसी दौरान सोने की प्लेट चढ़ाने का काम किया गया. इसी दौरान गणपति की प्रतिमा को भगवा रंगा गया और फिर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा की गई.

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2017 में मंदिर को 320 करोड़ रुपये का चढ़ावा मिला था जिसका इस्तेमाल सामाजिक कार्यों के लिए किया गया. बीते साल ये चढ़ावा बढ़ कर 410 करोड़ रुपये हो गया. मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक ‘इस पैसे का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाएगा जो मंदिर का द्वार खटखटाते हैं. हम 20,000 लोगों की मदद कर चुके हैं.’

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