RSS कार्यक्रम में प्रणब को बुलाने के पीछे एजेंडा, हो सकते हैं NDA के PM उम्मीदवार?

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शिरकत को शिवसेना ने 2019 चुनाव से जोड़ दिया है. शिवसेना की मानें तो RSS ने अपने कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी को बुलाकर 2019 का ग्राउंड तैयार कर रहा है.

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मोहन भागवत के साथ प्रणब मुखर्जी मोहन भागवत के साथ प्रणब मुखर्जी

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली/मुंबई,
  • 10 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शिरकत को शिवसेना ने 2019 चुनाव से जोड़ दिया है. शिवसेना की मानें तो RSS ने अपने कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी को बुलाकर 2019 का ग्राउंड तैयार कर रहा है. इसके पीछे शिवसेना का तर्क है कि अगर बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो प्रणब मुखर्जी का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए आगे कर दिया जाएगा.

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इसके अलावा शिवसेना से अपने मुखपत्र सामना के जरिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा है कि RSS ने कभी भी शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे को अपने मंच पर आमंत्रित नहीं किया. जबकि इफ्तार पार्टी आयोजित कर मुसलमानों को खुश करने की कोशिश हो रही है.

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को संघ के कार्यक्रम में बुलाने के पीछे दिल्ली में रणनीति तैयार हो रही है. बीजेपी 2019 के चुनावों को ध्यान में रखकर एजेंडा सेट कर रही है. शिवसेना की मानें तो 2019 चुनाव के बाद अगर बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो फिर ये दांव काम आ जाएगा. क्योंकि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में मोदी के नाम पर अगर सहयोगी तैयार नहीं हुए तो फिर प्रणब मुखर्जी के नाम को आगे कर दिया जाएगा, और ये सभी के लिए सर्वमान्य हो सकते हैं.

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गौरतलब है कि नाराज शिवसेना को मनाने के प्रयास के तहत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. हालांकि इस मुलाकात के अगले दिन ही शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि अभी जो कुछ भी हो रहा है, वह सब ड्रामा है. बता दें, पालघर लोकसभा सीट के लिए हाल में हुए उपचुनाव में शिवसेना उम्मीदवार बीजेपी उम्मीदवार से हार गया था.

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