सरकारी विज्ञापनों पर केंद्र, राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों पर दी गई उसकी गाइडलाइन तोड़ने के मामले में केंद्र सरकार और कुछ राज्यों को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि सरकारी विज्ञापनों की निगरानी के लिए 3 सदस्यों का पैनल बनाया या नहीं. अगर नहीं, तो क्यों.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों पर दी गई उसकी गाइडलाइन तोड़ने के मामले में केंद्र सरकार और कुछ राज्यों को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि सरकारी विज्ञापनों की निगरानी के लिए 3 सदस्यों का पैनल बनाया या नहीं. अगर नहीं, तो क्यों. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आप सरकार और AIADMK के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार को भी उसके आदेश का पालन न करने पर नोटिस दिया है.

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ये थी SC की गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 13 मई को केंद्र और राज्य सरकारों के लिए सरकारी विज्ञापन देने को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसमें कहा था कि सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी की फोटो न छपें. साथ ही इस काम की निगरानी के लिए तीन सदस्यों का पैनल बनाया जाए.

प्रशांत भूषण की दलील पर नोटिस
जस्टिस रंजन गोगई और एनवी रमन की बेंच ने NGO सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन की जनहित याचिका पर यह नोटिस दिया है. NGO की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि दिल्ली और तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया है.

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