संस्कृत और भारतीय भाषाओं को नई शिक्षा नीति में वरीयता: जावड़ेकर

मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद में कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति में संस्कृत समेत सारी भारतीय भाषाओं की बेहतरी के लिए प्रयासरत है. समाज के अलग-अलग हिस्सों से मंगाए गए हैं सुझाव.

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विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

मानव संसाधन मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने इस बीच कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति संस्कृत समेत तमाम भारतीय भाषाओं की बेहतरी के लिए प्रयासरत है.

सरकार सारी भारतीय भाषाओं की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है...
मानव संसाधन मंत्री ने एक कार्यक्रम के उद्घाटन में कहा कि भारत सरकार इस बात के लिए प्रयासरत है कि सारी भारतीय भाषाओं में डेवलपमेंट होना चाहिए. वे ऐसा महसूस करते हैं कि पिछले 50-60 सालों में हमारे देश ने अंग्रेजी को ब्रिटेनवासियों से अधिक अपनाया है. हालांकि, वे अंग्रेजी को एक जरूरी भाषा मानते हैं.

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आखिर मानव संसाधन मंत्री ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत की संसद में भी इसे लेकर बहस-मुबाहिसे हुए. किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया. ऐसा सभी का मानना है कि भारत की संस्कृति को बचाए रखने और विस्तार देने में भारतीय भाषाएं अहम भूमिका अदा कर सकती हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के तमाम विश्वविद्यालयों में संस्कृत भाषा पढ़ी और पढ़ाई जाती है.
संस्कृत में स्टूडेंट अच्छे अंक भी हासिल करते हैं इसलिए भी स्टूडेंट संस्कृत पढ़ते हैं.
सरकार भारतीय भाषाओं की बेहतरी और नई शिक्षा नीति को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है और समाज के अलग-अलग हिस्सों से सुझाव मंगा रही है.

 

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