नरेश अग्रवाल के घर पर कालिख पोतने, उनका बयान मीडिया में दिखाने पर राज्यसभा में हंगामा

नरेश अग्रवाल के घर के बाहर कालिख पोतने और उनके विवादित बयान को मीडिया द्वारा कथि‍त रूप से दिखाए जाने पर शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा हुआ. मीडिया में बयान छापने पर संसद सदस्यों ने प्रिविलेज का मामला उठाया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

नरेश अग्रवाल के घर के बाहर कालिख पोतने और उनके विवादित बयान को मीडिया द्वारा कथ‍ित रूप से दिखाए जाने पर शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा हुआ. मीडिया में बयान छापने पर संसद सदस्यों ने प्रिविलेज का मामला उठाया है.

असल में दो दिन पहले नरेश अग्रवाल ने एक विवादित बयान दिया था, जिसे सदन की कार्यवाही से हटाने के बावजूद भी कुछ अखबारों, चैनल में उसे छापने या उसकी चर्चा को लेकर आज राज्यसभा में हंगामा खड़ा हो गया.

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सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने यह मसला उठाते हुए कहा कि उनके विशेष अधिकार का हनन का मामला, चेयर के आदेश के बावजूद भी टीवी और अखबारों ने राज्यसभा की कार्रवाई से उनके बयान के हटाए जाने के बावजूद भी दिखाया और छापा.

नरेश अग्रवाल ने कहा, 'जब मैंने खेद व्यक्त कर दिया था तो वह मामला हाउस में खत्म हो गया था, इसके बावजूद भी मीडिया ने आपके आदेश का पालन नहीं किया, जिसके चलते मुझे धमकियां मिल रही है. मेरे घर में भाजपा युवा मोर्चा के लोगों ने आकर तोड़फोड़ की और मेरठ का एक नेता धमकी दे रहा है. चेयर तुरंत इसका संज्ञान ले. दोषी टीवी चैनलों और अखबारों के संपादकों और समन करना चाहिए.'

राज्यसभा के चेयरमैन हमीद अंसारी ने कहा कि उनको तमाम सांसदों के नोटिस मिले हैं और उन्होंने सेक्रेटरी जनरल को कहा है कि वह संबंधित टीवी चैनल और अखबारों को शोकॉज नोटिस भेजें. जहां तक नरेश अग्रवाल के घर पर हमले का सवाल है तो उस मसले पर सरकार को कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं.

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कार्रवाई की मांग

नरेश अग्रवाल के समर्थन में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, सुखेंद्र शेखर रॉय, तपन सेन, प्रमोद तिवारी से लेकर तमाम सांसद खड़े हो गए और चेयर से इस मसले में कार्रवाई करने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि मीडिया द्वारा चेयर का भी अपमान हुआ है.

इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अबास नकवी ने कहा कि देश कानून से चलता है और उनकी सरकार के खिलाफ भी तमाम प्रचार-प्रसार होता है. उस पर सरकार चुप रहती है, यह सरकार सेंसरशिप के खिलाफ है, ऐसे में चेयर तय करे कि क्या करना है. कुल मिलाकर उन्होंने भी गेंद चेयर के पाले में डाल दी.

मामले को बिगड़ता देख उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि आप लोग मुझे इस संदर्भ में सबूत के साथ नोटिस दीजिए और मैं तय करूंगा कि क्या करना है.

सरकार की जिम्मेदारी

कुरियन ने कहा कि अगर किसी सांसद के घर पर हमला होता है, तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है. सरकार यह सुनिश्चित करें कि जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई हो.

जब नरेश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने उनके घर पर गुंडागर्दी की है, तो इसके जवाब में कुरियन ने कहा, 'हम देखेंगे इस मामले में FIR अगर हुई है तो उस पर क्या करना है.'  

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उप सभापति के इस जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए, तमाम विपक्षी नेता वेल में घुस गए और भाजपा की गुंडागर्दी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. 

 

 

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