बनारस और पूर्वांचल में नाराज़ नेताओं को मनाने के लिए संघ ने अपने तमाम घोड़े खोल दिए हैं. संघ के सह-कार्यवाह कृष्ण गोपाल के वाराणसी पंहुचने के साथ ही हलचल बढ़ गई है. संघ ने वोटरों को घर से निकालने से लेकर नाराज़ नेताओं तक की जिम्मेदारी उठाई है.
खुद संघ के सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल ने नाराज़ नेताओं को मनाने और चुनाव मे लगाने की कवायद तेज़ कर दी है. विश्व हिंदू परिषद्, बजरंग दल और सरस्वती शिशु मंदिर समेत 36 संगठनों की सक्रियता अचानक बढ़ गई है.
शिशु मंदिरों मे घर-घर पर्ची पंहुचाने से लेकर लोगों को मोहल्लों से निकालने तक की योजना बन रही है. 200 से ज्यादा संघ के स्वयंसेवकों की टोली वोटरों को बूथ तक लाने मे जुटेगी. काशी इलाके के 40 नगर-कार्यवाह को चुनाव को लेकर खास जिम्मेदारी दी जा रही है.
बनारस और पूर्वांचल मे टिकटों के बंटवारे से पार्टी कैडर मे भारी नाराजगी है, जो संघ को भी परेशान कर रहा है. संघ हिंदू मतों का विभाजन नहीं चाहता, इसलिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बिहार चुनाव की गलती संघ दोहराना नही चाहता. यही वजह है कि नाराज़ नेताओं को मनाने की कमान संघ ने खुद संभाली है.
कुमार अभिषेक