उमा भारती बोलीं- नदियों को जोड़ने से बेहतर सूखे का इलाज नहीं

केंद्रीय जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि देश में बढ़े सूखे की दिक्कत से लड़ने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. 'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट से बेहतर सूखे का और कोई इलाज नहीं है.

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उमा भारती ने कहा- इसरो ने खोज निकाली है सरस्वती नदी उमा भारती ने कहा- इसरो ने खोज निकाली है सरस्वती नदी

केशव कुमार / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

केंद्रीय जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि देश में बढ़े सूखे की दिक्कत से लड़ने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. 'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट से बेहतर सूखे का और कोई इलाज नहीं है.

सूखे से लड़ने के लिए बना टास्क फोर्स
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तैयारी के लिए कहा है. बीते फरवरी महीने से हमलोग उसके लिए जी-जान से काम कर रहे हैं. मैंने सभी राज्यों के सिंचाई अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर बातचीत की है. इस पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है. इसके लिए हम फंड्स की कोई कमी नहीं होने देंगे.

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राज्यों के सुझाव से बनाएंगे पानी से जुड़ा एक्ट
उमा भारती ने कहा कि पानी का प्रयोग किस चीज के लिए और कितना होना चाहिए के विषय पर हम काम कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम पानी से जुड़ा एक्ट लेकर आएंगे. इसके लिए हम राज्य सरकारों से संपर्क में हैं. उनके सुझावों के मुताबिक ही हम पानी पर कोई एक्ट ला सकेंगे.

इसरो ने खोज निकाली है सरस्वती नदी
केंद्रीय मंत्री ने सरस्वती नदी से जुड़ी बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि इसरों ने पहले ही सरस्वती नदी को खोज लिया है. हरियाणा, राजस्थान और गुजरात राज्य सरकारों ने 10 साल तक इसकी खोज की. हम फिलहाल आधिकारिक तौर पर इसे आदिकाल में बहने वाली सरस्वती नदी नहीं कह सकते, लेकिन इसरो की खोज में सामने आया नदी का मार्ग और सरस्वती नदी का मार्ग एक ही है.

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आदि बद्री से निकली है सरस्वती नदी
उमा भारती ने कहा कि इस मामले के लिए भी विभाग ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है. सरस्वती नदी की खोज से जुड़ी इसरो की जानकारी टास्क फोर्स को दे दी गई है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक यह नदी आदि बद्री से ही निकली है.

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