धोनी की 'री‍ति' से जुड़े जडेजा तो हुआ चमत्कार!

आईपीएल में एक साल का प्रतिबंध और भारतीय टीम से बाहर होने के कारण रविंदर जडेजा जब बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब उन्होंने रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट से करार किया और फिर चमत्कार हो गया.

Advertisement
महेंद्र सिंह धोनी महेंद्र सिंह धोनी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2013,
  • अपडेटेड 8:44 AM IST

आईपीएल में एक साल का प्रतिबंध और भारतीय टीम से बाहर होने के कारण रविंदर जडेजा जब बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब उन्होंने रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट से करार किया और फिर चमत्कार हो गया. जी हां, इसके बाद अचानक ही उनके सितारे चमके और वे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चहेतों खिलाड़ियों में भी शुमार हो गए.

जडेजा के प्रबंधन का काम 2006 से 2011 तक कोलाज स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने देखा, लेकिन इसके बाद वह रीति स्पोर्ट्स से जुड़ गए. इससे पहले उनके सितारे गर्दिश में थे. अंदर ही अंदर किसी अन्य फ्रेंचाइजी टीम से करार करने के प्रयास में 2010 में आईपीएल से उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था. इस बीच उन्हें भारतीय टीम से भी बाहर कर दिया और वह विश्व कप की टीम का हिस्सा नहीं बन पाए.

Advertisement

कोलाज स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की लतिका खनेजा ने कहा, ‘रविंदर जडेजा का काम 2006 से 2011 तक मेरी कंपनी ने देखा, लेकिन यदि कोई खिलाड़ी किसी अन्य फर्म से जुड़ना चाहता हो तो आप उसे नहीं रोक सकते, विशेषकर तब जबकि कंपनी भारतीय कप्तान का काम भी देख रही हो.'

इस ऑलराउंडर की सितंबर 2011 में भारतीय टीम में वापसी हुई और फिर फरवरी 2012 में आईपीएल की नीलामी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने जडेजा को 20 लाख डालर (लगभग 9.72 करोड़ रुपये) में खरीदा. चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं. जडेजा इसके बाद भारतीय टीम के भी अहम अंग बन गए.

भारत ने जनवरी 2012 के बाद 24 एकदिवसीय मैच खेले, जिनमें से 17 मैच में जडेजा शामिल थे. इन मैचों में उन्होंने 273 रन बनाये और 34.82 की औसत से 17 विकेट लिए.

Advertisement

उस टूर्नामेंट में एक अन्य ऑलराउंडर इरफान पठान भी टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें केवल चार मैच खेलने को मिले थे. पठान ने इन मैचों में 96 रन बनाये, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 47 रन था. उन्होंने 30.16 की औसत से छह विकेट भी लिये थे.

जडेजा को इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में भी पदार्पण का मौका मिला. यहां तक कि धोनी ने बाएं हाथ के एक अन्य स्पिनर प्रज्ञान ओझा पर उन्हें तवज्जो दी. जडेजा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के चारों मैच में खेले थे, जबकि ओझा केवल दो मैच ही खेल पाए थे. इसी सीरीज के दौरान ओझा ने भी रीति स्पोर्ट्स से जुड़ने का फैसला किया था.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी ओझा पर जडेजा को तरजीह देने पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने देखा कि प्रज्ञान ओझा को दूसरी पसंद का बाएं हाथ का स्पिनर बना दिया गया और आईपीएल में अंदर ही अंदर करार करने की कोशिश में प्रतिबंध झेल चुके रविंदर जडेजा की अचानक ही 20 लाख डॉलर की कीमत आंकी गई तो मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ जरूर है.'

धोनी, जडेजा और ओझा के अलावा रीति स्पोर्ट्स सुरेश रैना का भी प्रबंधन देखती है. रैना ने 2010 में टेस्ट टीम में पदार्पण किया. वह शुरुआती सफलता के बाद अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये, लेकिन फिर भी 17 टेस्ट मैच खेलने में सफल रहे. उन्होंने वनडे में जनवरी 2010 के बाद शतक नहीं लगाया है, लेकिन वह टीम के मध्यक्रम का अहम अंग बने हुए हैं. धोनी के कप्तान बनने के बाद रैना ने 123 मैच खेले हैं. इनमें से कुछ मैचों में उन्होंने स्वयं भी टीम की कमान संभाली.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement