PM मोदी की सांसों पर भी प्रदूषण का फंदा, 7 रेस कोर्स के बाहर पॉल्यूशन का स्तर 14 गुना ज्यादा निकला

जहरीली हवा दिल्ली का दम निकाल रही है. देश की राजधानी शायद ही कोई कोना ऐसा है जहां आपके फेंफड़ों को साफ हवा मिल सके. इससे कोई मतलब नहीं कि कौन कितने उच्च पद पर है या कौन दिल्ली के हाई प्रोफाइल लुटियंस जोन में रहता है. हमने प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदूषण मापने वाले मीटर PM ट्रैकर से प्रदूषण का स्तर जांचा तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए.

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प्रधानमंत्री भी नहीं ले पा रहे हैं ठीक से सांस प्रधानमंत्री भी नहीं ले पा रहे हैं ठीक से सांस

अंजना ओम कश्यप / रोहित गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

देश के प्रधानमंत्री की सांस खतरे में है. चौंकिए मत ये हकीकत है. वैसे तो प्रदूषण ने पूरी दिल्ली को अपनी गिरफ्त में ले रखा है लेकिन ये उम्मीद की जा रही थी कि कम से कम प्रधानमंत्री निवास के आसपास का इलाका उस बड़े खतरे से अछूता रहेगा. लेकिन आपको हैरानी होगी कि 7, रेसकोर्स के इलाके में भी वो खतरा उतना ही बड़ा है.

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लुटियंस जोन की भी हवा जहरीली
जहरीली हवा दिल्ली का दम निकाल रही है. देश की राजधानी शायद ही कोई कोना ऐसा है जहां आपके फेंफड़ों को साफ हवा मिल सके. इससे कोई मतलब नहीं कि कौन कितने उच्च पद पर है या कौन दिल्ली के हाई प्रोफाइल लुटियंस जोन में रहता है. हमने प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदूषण मापने वाले मीटर PM ट्रैकर से प्रदूषण का स्तर जांचा तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए.

प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदूषण का स्तर 14 गुना ज्यादा
मशीन के आंकड़ों के मुताबिक सुबह के करीब साढ़े नौ बजे प्रधानमंत्री के घर के बाहर पार्टिकुलेट मैटर यानी PM 2.5 की मात्रा 2000 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के ऊपर थी, जबकि दिल्ली में सिर्फ 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को बिल्कुल साफ हवा माना जाता है. अगर हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 की मात्रा 60 से लेकर 150 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक हो तो भी ज्यादा खतरे की बात नहीं है. लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवारनमेंट (CSE) की मशीन ने प्रधानमंत्री के घर के बाहर प्रदूषण का स्तर करीब 14 गुना ज्यादा दर्ज किया.

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एयर क्वालिटी इंडेक्स
हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का स्तर अगर शून्य से पचास तक है तो हवा को बेहतर माना जाता है और इससे कोई नुकसान नहीं होता. अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 51 से 100 है तो भी हवा ठीक मानी जाती है लेकिन थोड़ी नुकसानदेह हो सकती है. अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 101 से 150 तक है तो ये चिंताजनक और ज्यादा नुकसानदेह हो जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 151 से 200 तक पहुंचता है तो इसे सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है. एयर क्वालिटी का पैमाना 201 से 300 पहुंचते ही सांस की बीमारियों के लिहाज से बेहद खतरनाक हो जाता है और 300 के पार होते ही हवा में फेफड़ों के कैंसर वाले कण सक्रिय होने लगते हैं.

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में PM 2.5 की मात्रा
आईटीओ: 2,490
7, रेस कोर्स: 1,800-2,000
आनंद विहार: 1,900-2,000
मयूर विहार: 3,000
चाणक्यपुरी: 2,200-2,400
चांदनी चौक: 2,500-3,000
10, जनपथ: 750- 800

दुनिया के बाकी देशों में साफ हवा का मतलब
दिल्ली में सिर्फ 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को एकदम साफ हवा माना जाता है, लेकिन दुनिया के ज्यादातर देशों में PM 2.5 की सीमा और भी कम है. जानिए दुनिया के कुछ बड़े देशों में कितने माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को बिल्कुल साफ हवा माना जाता है...
ऑस्ट्रेलिया: 25
कनाडा: 30
जापान: 35
यूरोपियन यूनिट: 25

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