राम जन्मभूमि पर अब रामलला 25 मार्च से नई जगह पर विराजमान होंगे. इसके लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नए ढांचे के निर्माण का काम शुरू कर दिया है. रामलला के दर्शन के लिए राम भक्तों को पहले के मुकाबले बहुत कम चलना पड़ेगा. श्रद्धालु अब महज 26 फुट की दूरी से रामलला का दर्शन कर पाएंगे.
राम मंदिर का नया ढांचा राम जन्मभूमि क्षेत्र में ही मानस मंदिर के पास बनाया जा रहा है. मंदिर का ढांचा बनाने का काम दिल्ली की एक कंपनी को दिया गया है. यह ढांचा पूरी तरह से बुलेटप्रूफ होगा. मंदिर निर्माण के समय रामलला के चारों तरफ भी बुलेट प्रूफ ग्लास लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
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समाचार एजेंसी आईएएनस के मुताबिक राम जन्मभूमि परिसर में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी लेकिन बैरिकेड्स पहले से कम कर दिए जाएंगे. इसकी वजह से राम भक्तों को आने-जाने में आसानी होगी.
रामभक्तों की बार-बार तलाशी नहीं ली जाएगी लेकिन स्कैनिंग मशीनें लगाई जाएंगी. बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिससे वे रामलला के दर्शन ठीक प्रकार से कर सकें.
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बैठकर भक्त कर सकेंगे रामलला का पूजन
विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी के मुताबिक राम भक्त रामलला की पूजा खड़े होकर नहीं बल्कि बैठकर कर सकेंगे. मंदिर निर्माण के समय इसकी पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी. इस बार रामनवमी पर विशेष व्यवस्था की जा रही है, जिससे भक्तों को रामलला के दर्शन अच्छे तरीके से हो सकें. दान की भी व्यवस्था की जाएगी. छोटी रकम के लिए हुंडी, और बड़ी रकम के लिए बैंक ड्राफ्ट, चेक और दूसरे विकल्पों की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
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