सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार की पहल के बाद अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण की कवायद शुरू हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे, जिसके बाद से राममंदिर बनाने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा. राममंदिर बनाने का काम मल्टी नेशनल कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को दिया गया है, लेकिन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल सदस्यों की मुख्य भूमिका है.
राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष की कमान नृपेंद्र मिश्रा के हाथों में है, जिनकी अगुवाई में ही मंदिर निर्माण का काम चल रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की भी मंदिर निर्माण में भूमिका है. साथ ही राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं, जिनके कंधों पर राम मंदिर राममंदिर निर्माण का जिम्मा है.
नृपेंद्र मिश्रा
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सबसे अहम जिम्मेदारी नृपेंद्र मिश्रा के ऊपर है, क्योंकि वो राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं. नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नृपेंद्र मिश्रा को अपना प्रधान सचिव नियुक्त कर लिया था. नृपेंद्र मिश्रा ने पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना से लेकर घर-घर शौचालय बनाने की योजना सहित सभी योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने का काम किया था.
मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष इसीलिए बनाया गया ताकि मंदिर का निर्माण पूरी भव्यता के साथ समयसीमा के अंदर हो. नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के यूपी काडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निजी सचिव और पूर्व मुख्यमंत्री और समजवादी नेता मुलायम सिंह के भी प्रधान सचिव रह चुके हैं. अब मंदिर निर्माण को साकार करने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है.
चंपत राय
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय भी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. उन्हें कंधों पर राम मंदिर निर्माण की अहम जिम्मेदारी है. श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की जिम्मेदारी चंपत राय को मिली है. इसके अलावा राम मंदिर निर्माण से जुड़ी बातों को मीडिया में रखने के लिए भी अधिकृत हैं. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की राम मंदिर के राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका अदा की थी और अब राममंदिर निर्माण को भव्य बनाने की जिम्मेदारी भी चंपत राय और वीएचपी के हाथों में है.
महंत नृत्य गोपाल दास
अयोध्या आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले महंत नृत्य गोपाल दास श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. ऐसे में राममंदिर निर्माण के लिए उन्हें सबसे अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. नृत्यगोपाल दास दशकों तक राम मंदिर आंदोलन के संरक्षक की भूमिका में रहे हैं. वो लगातार मंदिर निर्माण के लिए होने वाले कार्यों में अगुवा की भूमिका निभाते रहे हैं. इनकी अगुवाई में लंबे समय से राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी एकत्र किया जाता रहा है. नृत्यगोपाल दास पर बाबरी विध्वंस में शामिल रहने का आरोप है और इस मामले में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है.
के. पराशरण
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. पराशरण श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य हैं. पराशरण ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी की. आखिर तक चली सुनवाई में भी पराशरण खुद बहस करते थे. रामलला के पक्ष में फैसला लाने में उनका अहम योगदान रहा है.
93 साल के पराशरण रामसेतु समुद्रम प्रॉजेक्ट के खिलाफ भी केस लड़ चुके हैं. उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. पराशरण भारतीय इतिहास, वेद पुराण और धर्म के साथ ही संविधान के जानकार हैं. राम मंदिर केस के दौरान उन्होंने स्कन्ध पुराण के श्लोकों का जिक्र करके राम मंदिर का अस्तित्व के संबंध में मजबूत दलील दी थी. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन के बाद के पराशरण को राम मंदिर की जमीन का कब्जा सौंपा गया था.
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
अयोध्या राज परिवार के बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य हैं. राम मंदिर निर्माण में बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. ट्रस्ट गठन के बाद कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने राम जन्मभूमि के रिसीवर की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी थी.
कामेश्वर चौपाल
श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दलित समुदाय के तौर पर कामेश्वर चौपाल स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हैं. 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी. आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का भी दर्जा दिया है. राममंदिर निर्माण की देखरेख में कामेश्वर चौपाल लगे हुए हैं.
डॉ. अनिल कुमार मिश्र
होम्योपैथी के डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य हैं. अयोध्या लक्ष्मणपुरी कॉलोनी में रहते हैं. हालांकि, अंबेडकर नगर जिले के पहतीपुर के पतौना गांव के मूल निवासी अनिल कुमार मिश्र राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे. बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े. मौजूदा समय में वह आरएसएस के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह हैं.
महंत दिनेंद्र दास
निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास भी श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हैं. निर्मोही अखाड़े की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय तक मुकदमा लड़ते रहे हैं. 10 साल की उम्र में ही वो मठिया के आश्रम के महंत बन गए थे. इसके बाद बीए की पढ़ाई करने के लिए अयोध्या में रहने लगे तो निर्माही अखाड़ा से जुड़ गए. 1992 में निर्मोही अखाड़ा के नागा बने, उसके बाद 1993 में पंच और उपसरपंच बना दिए गए.
वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं. वो बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं. हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा. ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में केस दाखिल किया था.
प्रसन्नतीर्थ जी महाराज
जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी सदस्य हैं. वो कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं. दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली.
युगपुरुष परमानंद
युगपुरुष परमानंद जी महाराज श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं. अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख. वेदांत पर उनकी 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था.
देव गिरि जी महाराज
स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के साथ-साथ कोषाध्यक्ष भी हैं. ऐसे में राममंदिर निर्माण के लिए चंदे का सारा हिसाब-किताब इन्हीं के पास है. देवगिरी जी महाराज का महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ. रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं. स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा शामिल हैं. यूपी सरकार का राममंदिर निर्माण में अहम रोल है. मंदिर ही नहीं बल्कि अयोध्या को सुंदर बनाने और सजाने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों लोगों के हाथ में है. अनुज कुमार झा अयोध्या के जिलाधिकारी होने के नाते सारे भूमि उन्हीं के अधीन आती है.
वहीं, 1987 बैच के आईएएस अफसर अवनीश अवस्थी के पास यूपी के धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, सूचना और गृह विभाग के प्रमुख सचिव पद का भी चार्ज है. इसके अलावा वाराणसी में बन रहे पीएम के ड्रीम प्रॉजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की भी जिम्मेवारी सौंपी गई है. ये दोनों अधिकारी अयोध्या में ऐतिहासिक दीपोत्सव के आयोजन से लेकर भगवान राम की मूर्ति की स्थापना, प्रस्तावित मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन के निर्धारण समेत कई बड़े फैसलों में भूमिका निभा चुके हैं
कुबूल अहमद