भारतीय युवाओं का आईएसआईएस की तरफ बढ़ता रूझान और इस उभरती चुनौती से निपटने के मसले पर राजनाथ सिंह ने शनिवार को एक अहम बैठक का बुलाई. जिसमें खुफिया विभागों के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस के आला अधिकारी भी शामिल थे.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय खुफिया विभाग, जांच एजेंसियों और 13 राज्यों की पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की. उन्होंने सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों के माध्यम से युवाओं के बीच आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव पर नजर बनाए रखने पर चर्चा की.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय परंपरा और पारिवारिक मूल्य इस बुराई पर भी विजय पा लेंगे. आईएस का फैलाव भारत में बहुत सीमित है और अन्य देशों के मुकाबले लगभग नगण्य है, लेकिन फिर भी सभी मोर्चों पर निगरानी रखे जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता. भारत में बड़ी संख्या में लोग और मुस्लिम संगठनों ने आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों का विरोध जताया है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस मसले के साथ सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर भी चर्चा की गई. भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में विशेष तौर पर युवाओं के बीच आईएस के बढ़ते प्रभाव और इसकी प्रतिक्रिया में संभावित कानूनों को लागू करने के बारे में भी बात की गई.
इस दौरान अल्पसंख्यकों के लिए उपयुक्त कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, सोशल मीडिया को लेकर रणनीति का पालन और राज्य पुलिस संगठनों का क्षमता निर्माण विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के मसले पर चर्चा की गई.
बैठक में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए. जिनमें उत्तर प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
खुफिया एजेंसियों के अनुसार अब तक 23 भारतीय आईएसआईएस में भर्ती हुए हैं. इनमें से छह की विभिन्न घटनाओं में मौत हो जाने की खबर है. लगभग 150 भारतीयों को आईएसआईएस के साथ कथित जुड़ाव होने की आशंका के चलते निगरानी में रखा गया है.
परवेज़ सागर / BHASHA