राजस्थान में सियासी उठापटक जारी है. इस बीच हाईकोर्ट में कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट की याचिका पर सुनवाई हुई. इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट की याचिका को स्वीकार कर लिया. इसके साथ ही उनकी याचिका हाईकोर्ट ने खंडपीठ को रेफर कर दी है. पायलट मामले में शुक्रवार दोपहर फिर सुनवाई होगी.
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच में पायलट गुट ने नई याचिका दायर की है. सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की डबल बेंच करेगी. अब सचिन पायलट मामले में शुक्रवार दोपहर 1 बजे सुनवाई होगी.
इससे पहले आज याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने बहस करते हुए कहा कि याचिका में संशोधन स्वीकार किया जा सकता है. हालांकि अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि बिना आधार के याचिका को कैसे स्वीकार किया जा सकता है. लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर खंडपीठ को भेज दी है.
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सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने कहा था कि सदन से बाहर की कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते. नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है. नोटिस को तुरंत रद्द कर इसे असंवैधानिक घोषित किया जाए. दूसरी तरफ कांग्रेस ने सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 अन्य विधायकों के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा है कि इन्होंने व्हिप की अवहेलना की थी.
याचिका का विरोध
इस मामले में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी के वकील एनके मालू ने कहा कि हमने उनकी अमेंडमेंट याचिका का विरोध किया था, मगर कोर्ट ने स्वीकार कर डिविजनल बेंच को भेज दिया है. समय कोई तय नहीं किया गया है. चीफ जस्टिस तय करेंगे कि कब सुनवाई होगी.
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बता दें कि कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के जरिए जारी अयोग्यता संबंधी नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की याचिका दायर की थी.
इन विधायकों को नोटिस
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.आर. मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को नोटिस भेजा गया है.
शरत कुमार / देव अंकुर