राजस्थान HC में पायलट गुट की दलील- स्पीकर का नोटिस वैध नहीं, तुरंत रद्द करें

बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि नोटिस को रद्द किया जाए.

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सचिन पायलट (फाइल फोटो-PTI) सचिन पायलट (फाइल फोटो-PTI)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 16 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

  • स्पीकर ने पायलट समेत 19 विधायकों को भेजा है नोटिस
  • नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट पहुंचे पायलट

राजस्थान का सियासी संकट अब हाई कोर्ट पहुंच गया है. बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने बहस शुरू की. हरीश साल्वे ने कहा कि इस नोटिस को रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए.

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हरीश साल्वे ने कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं. नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है. इस नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए. इसके बाद मामले की सुनवाई टाल दी गई.

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गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और उनके प्रति निष्ठावान 18 विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी द्वारा जारी की गई अयोग्यता संबंधी नोटिस के खिलाफ गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की याचिका दायक की थी. इस याचिका पर हाल ही में बर्खास्त किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया था.

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कांग्रेस का आरोप है कि सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों ने व्हिप की अवहेलना की थी. इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अध्यक्ष अनुपस्थित रहने के लिए विधायकों पर व्हिप कैसे जारी कर सकते हैं. अगर वो विधानसभा की कार्यवाही में चर्चा से अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें व्हिप जारी किया जाता.

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संशोधन की आवश्यकता

वहीं महेश जोशी के वकील एनके मालू का कहना है कि पायलट के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याचिका में संशोधन करने की आवश्यकता है और उसी के लिए समय मांगा गया है. पायलट के वकील ने उल्लेख किया कि याचिका जल्दी दायर की गई थी. वहीं कोर्ट ने इस पर सहमति दे दी है.

एनके मालू ने बताया कि अब डिवीजन बेंच के समक्ष वकील को नए सिरे से याचिका दायर करनी होगी. वहीं महेश जोशी को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि वे वही हैं जिन्होंने पूरी कार्यवाही शुरू की है.

इन विधायकों को भेजा गया है नोटिस

यह नोटिस सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है.

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