भयंकर सूखे से जूझ रहे लातूर को रेलवे ने ट्रेन के जरिये पानी भेजने के बाद अब भारी भरकम बिल थमाया है. रेल विभाग ने बीते दिनों लातूर को 6 करोड़ 20 लाख लीटर पानी मुहैया कराया था और अब परिवहन शुल्क के रूप में वहां के जिला अधिकारी को 4 करोड़ रुपये का बिल भेजा गया है.
रेलवे के मुताबिक लातूर में ट्रेन के जरिए पानी पहुंचाना एक कमर्शियल एक्टिविटी थी और बकायदा इसके लिए स्पेशल ट्रेन भेजी गई थी. इसलिए महाराष्ट्र सरकार को बिल भेजा गया है.
बिल माफी के लिए करनी होगी अपील
मध्य रेलवे में महानिदेशक एसके सूद ने कहा 'हमने प्रशासन के नियम के मुताबिक लातूर जिला कलक्टर को बिल भेजा है. अब यह जिला प्रशासन ऊपर निर्भर करता है कि वह इसे पेय करता है या फिर उचित माध्यम से इसे माफ करने की अपील करता है. रेलवे ने यह भी कहा है कि इस बिल को भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच बातचीत के बाद माफ भी किया जा सकता है.
12 अप्रैल को ट्रेन के जरिये लातूर पहुंचा था पानी
गौरतलब है कि भयंकर सूखे के परेशान लातूर के लोगों के लिए 'जलदूत' नाम से पानी की पहली ट्रेन पश्चिमी महाराष्ट्र के मिराज से 11 अप्रैल को चली थी और करीब 342 किलोमीटर की दूरी तय करके 12 अप्रैल को लातूर पहुंची थी. पहले 10 वेगन की ट्रेन चली थी, उसकी 9 खेप पूरी होने के बाद 50 वेगन वाली ट्रेन चलाई गई थी. महाराष्ट्र में सबसे पहले 2013 में ट्रेन के जरिये सूखे इलाकों में पानी पहुंचाया गया था.
अमित कुमार दुबे