राबड़ी देवी के आवास से सुरक्षा हटाए जाने और फिर बहाल किए जाने को लेकर बिहार के सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. दोनों पक्षों के बीच घमासान के बीच सुरक्षा में तैनात जवान संकट में फंसे हैं क्योंकि उन्हें राबड़ी देवी के आवास में एंट्री नहीं मिली और गेट के बाहर ही अगले आदेश का इंतजार करने को मजबूर हैं.
इस बीच उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एक तरफ राबड़ी देवी अपने और पूरे परिवार के लिए भारी-भरकम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोज मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखती हैं और दूसरी तरफ दावा करती हैं कि वे लोगों के बीच रहती हैं, घर के दरवाजे रात में भी खुले रहते हैं और सुरक्षा के लिए तो उनके समर्थक ही काफी हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से फिर से सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने की पहल के बावजूद अब सुरक्षा नहीं ले रही हैं. उनका कहना है कि हटाई क्यों, पहले ये बताए सरकार. सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि बेनामी संपत्ति के कारण गरीबों का भरोसा टूटने पर सुरक्षा-मुद्दे को तूल दिया जा रहा है.
उधर, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास के बाहर बीएमपी 2 के जवान टेंट लगाकर प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उन्हें फिर से राबड़ी आवास में ड्यूटी पर तैनात किया जाए.
पटना में राबड़ी देवी के आवास से 10 अप्रैल को बीएमपी 2 के जवान को क्या हटाया गया, उसके बाद बिहार में सुरक्षा को लेकर राजनीति गरमा गई है. दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है और जो अब तक जारी है.
सुरक्षा हटाए जाने के अगले ही दिन तेजश्वी यादव और तेज प्रताप ने भी सुरक्षा गार्ड लेने से इंकार कर दिया, मीडिया में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने संज्ञान लेते हुए फिर से सुरक्षा को बहाल करने की आदेश जारी कर दिया. इसके बाद 12 अप्रैल को बीएमपी 2 के जवान फिर से राबड़ी आवास पहुंचे, लेकिन लालू परिवार ने अपनी सुरक्षा में उन्हें लेने से इंकार कर दिया.
अब हालात यह हैं कि बीएमपी के 19 जवान राबड़ी आवास के पास ही तंबू (टेंट) लगाकर लगातार इंतजार कर रहे हैं कि लालू परिवार की ओर से कब उन्हें अपनी सुरक्षा में रखा जाएगा. बीएमपी के जवान ने बताया की हम लोग काफी तकलीफ में हैं. उन्हें बाहर रहने के कारण पीने के पानी और शौचालय के लिए सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है.
सुजीत झा